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अस्पताल में भर्ती किए हए.
संबंधित जरूरी सूचनाएं । (Tips for a hospitalised patient)
मरीज़ को न्यूरोलोजिकल या अन्य बीमारी के उपचार हेतु अस्पताल में भर्ती करने के बाद उसकी देखरेख के लिए जो कुटुंबीजन/स्वजन मरीज़ के साथ रहते है, उनका भी कुछ फर्ज बनता है । मुख्यतः मरीज़ बेहोश हो, स्थिति गंभीर हो या अत्याधिक कमजोरी हो तब उसकी विशेष देखभाल करना जरूरी बन जाता है।
अस्पताल में ऐसे मरीज़ के निम्न बताए हुए विभिन्न उपचार के संदर्भ में जानकारी सामान्यतः कुटुंबीजन को भी होनी चाहिए, जिससे उपचार में सरलता रहेगी। ऑक्सीजन ट्यूब, नस में प्रवाही देना, युरीनरी केथेटर, नाक द्वारा ट्यूब से फीडिंग इत्यादी नर्सिंग स्टाफ का काम है। फिरभी सगे संबंधी इस पर निगरानी रख कर सहयोग दे सकते है । (१) ओक्सिजन - 02 :
मरीज़ को आवश्यकता हो तब लगातार या एक-एक घंटे के बाद ओक्सिजन दिया जाता है। नाक में रखी हुई ट्यूब ठीक है या नहीं यह देखते रहना चाहिए । ओक्सिजन के सिलिन्डर के पास रखी हुई बोतल में दिखने वाले बुलबुले बताते हैं कि मरीज़ को ऑक्सिजन पहुँच रहा है। इसलिए इस बोतल के तरफ बार-बार नज़र रखनी चाहिए। उसके समाप्त होने से पहले अस्पताल के स्टाफ को बता देना चाहिए । अधिकतर स्थान पर अब सेन्ट्रल लाइन द्वारा ओक्सिजन दिया जाता है, जिसमें इस प्रकार की सावधानी की जरूरत नहीं रहती है। (२) प्रवाही (बोतल) देना (IV Fluid) :
मरीज़ को अगर बोतल लगाई हो तो मरीज़ के सगे-संबंधी को मुख्यतः निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए :
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