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21 - स्नायु की बीमारियाँ (Myopathies)
उपचार : (अ) दवाई (१) स्टिरोईड ग्रूप में प्रेड्नीसोलोन, मिथाईल प्रेड्नीसोलोन,
डेक्षामेथासोन तथा (२) इम्यूनोसप्रेसिव दवाई जैसे कि एझाथायोप्रीन,
मायकोफिनोलेट, मिथोट्रेक्सेट तथा (३) सायक्लोस्पोरिन जैसी दवाई से यह बीमारी अधिकांश
नियंत्रण में ला सकते है, जो कि लंबे समय के बाद यह
दवाई का दुष्प्रभाव भी देखने को मिलता है । (ब) प्लाझमाफेरेसिस : मरीज के रक्त में से खराब प्रोटीन शुद्ध
करने की इस प्रक्रिया द्वारा बीमारी पर नियंत्रण लाया जा सकता
है।
(क) इम्यूनोग्लोब्यूलिन : यह दवाई रक्तवाहिनी में देने से भी लाभ
होता है, परंतु यह उपचार बहुत महँगा होता है । इसके बावजूद फिजियोथेरेपी का महत्व भी कम नहीं समजना चाहिए । प्रतिदिन नियमित फिजियोथेरेपी (व्यायाम) करने से कुछ अंश तक स्नायुओं को शिथिल होते हुए रोका जा सकता
है।
इस बीमारी में केवल सामान्य दर्द होता है, इसलिए बीमारी ठीक होने का इन्तजार किये बिना शीघ्र ही योग्य चिकित्सक की
सलाह लेना अधिक महत्वपूर्ण है। (G) एक्वायर्ड मायोपथी :
इस प्रकार में स्नायुओं में जन्मजात गड़बड़ नहीं होती, लेकिन थाइरोईड होर्मोन बढ़ने या घटने से, पेराथाइरोईड होर्मोन बढ़ने से, अधिक मात्रा
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