________________
237
21 - स्नायु की बीमारियाँ (Myopathies) (E) 'कोन्जेनाइटल' (जन्मजात) मायोपथी :
नवजात शिशुओ में देखने को मिलनेवाली स्नायुओं की बीमारी में सेन्ट्रल कोर, निमेलाईन और सेन्ट्रोन्यूक्लिअर मायोपथी का समावेश होता है। इसमें ज्यादातर जन्म से ही स्नायुओं की कमजोरी देखने को मिलती है। नवजात शिशु बिना हलन-चलन पड़ा रहता है । या उसका हलन-चलन सामान्य बच्चों के मुकाबले कम होता है। जैसे जैसे बच्चा बड़ा होता है, उसके स्नायु कई बार कडक हो जाते है और उसका मानसिक विकास मंद हो जाता है । स्नायुओं में घिसाव (atrophy) देखने को मिलता है। कई बच्चों में बढ़ती उम्र के साथ स्नायुओं में सामान्य बच्चों जैसे ही विकास होता है और मानसिक विकास भी बराबर होता है । इस रोग में बच्चों को खेलने कूदने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। जिससे की उनके स्नायुओं में ताकात बढ़े और उसका सही ढंग से विकास हो । जरूरत पड़ने पर व्यवसायिक निष्णात की सलाह भी
ली जा सकती है। (E) इन्फ्लेमेटरी मायोपथी :
स्नायुओं के सूजन से होती कुछ जटिल बीमारियों के संदर्भ में अब हम देखेंगे। पोलीमायोसायटिस और डर्मेटोमायोसायटिस : पोलीमायोसायटिस और डर्मेटोमायोसायटिस क्या है ? इस बीमारी में प्रथम स्नायुओं में सूजन की-'इन्फ्लेमेशन' की-प्रक्रिया होती है और उससे स्नायु शिथिल और कमजोर होते जाते है। इस बीमारी का मुख्य लक्षण स्नायुओं की कमजोरी है, जो क्रमशः बढ़कर मरीज को विकलांग बना देता है । डर्मेटोमायोसायटिस के मरीजों में चेहरे, पीठ, छाती, कोनी और घुटने के भाग पर लालाश वाले चाठे भी देखने को मिलते है ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org