________________
मस्तिष्क और ज्ञानतंतु की बीमारियाँ मायस्थेनिया में उपयोग होने वाली दवाई जैसे कि मेस्टिनोन, स्टीरोईड्स, एझाथायोप्रिन, मायकोफिनोलेट वगैरह इस रोग में मायस्थेनिया जितनी अक्सीर साबित नहीं हुई है ।
डाई अमाईनोपायरिडिन नामक दवाई इसमें मददरूप हो सकती है ।
230
सुर्खियाँ
• ज्ञानतंतुओं में से स्नायु तक पहुंचने वाली तरंगो के प्रसारण में क्षति होने से यह रोग होता है । जिसमें स्नायु में समय समय पर असाधारण कमजोरी आती है ।
• आँखों के स्नायु की कमजोरी से शुरू करके श्वासोच्छवास की क्रिया करनेवाले स्नायु भी कमजोर हो सकते है, तब परिस्थिति बिगड भी सकती है ।
• एसीटाईलकोलिन रिसेप्टर एन्टिबोडी टेस्ट, इ.एम.जी., टिलस्टिग्मीन टेस्ट, थोरेक्स सिटीस्कैन और थायरोईड का टेस्ट करवाने पर रोग का निदान किया जाता है । • स्टिरोईड, एझाथायोप्रीन वगैरह दवाईया; प्लाझमा फेरेसिस नामक उपचार पद्धति और इम्युनोग्लोब्युलिन के इन्जेक्शन वगैरह से यह रोग काबू में आ सकता है। हालांकि स्नायु की थकावट दूर करने के लिए पायरिडोस्टिग्मीन और नीओस्टिग्मीन का उपयोग होता है ।
ज्यादातर केन्सर से जूडी न्यूरोमस्क्यूलर जंक्शन की बीमारी LEMS, मायस्थेनिया जैसी दिखती है, पर अलग है ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org