SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 240
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 19 - न्यूरोपथी (Neuropathy) 221 प्रक्रियाओं में तकलीफ होती है, इस रोग की पर्याप्त वैज्ञानिक जानकारी न होने से कईबार डॉक्टर्स भी इस बारे में मुश्किल में पड़ सकते है । परिणामतः यह बीमारी के निदान में अधिक समय लगता है। (८) एन्ट्रेपमेन्ट न्यूरोपथी : इस विभाग में सबसे ज्यादा प्रचलित एन्ट्रेपमेन्ट न्यूरोपथी है-कार्पल टर्नल सिन्ड्रोम, जिसमें मीडीअन नर्व, हथेली के नीचे वाले वोलर लीगामेन्ट में दबती है। जिससे हथेली में दर्द, कमजोरी और झुनझुनी होती है और क्वचित कंधे और हाथ तक दर्द फैलता है। आगे बढ़कर अंगूठे के नीचे के स्नायु सूख जाते है। कलाई पर पट्टा पहनने से और थोड़े समय स्टिरोईड आदि दवाई लेने से फर्क न पडे तो कलाई में योग्य जगह पर स्टिरोईड का इन्जेक्शन दिया जा सकता है । अन्ततः छोटी सी सर्जिकल प्रक्रिया द्वारा नस को अलग कर सकते है। इसके उपरांत विभिन्न नसें अपने मार्ग में अलग-अलग जगह दबने से लगभग ३० प्रकार के एन्ट्रेपमेन्ट सिन्ड्रोम होते हैं । १. मीडीअन नर्व का प्रोनेटर सिन्ड्रोम । २. टार्डिव अल्लर पाल्सी (कोहनी के पास) । ३. रेडियल पाल्सी (कंधे और कोह्नी के बीचोबीच ।) रेडियल नर्व सोते समय दब जाने से, जो 'सेटर-डे नाइट पाल्सी' के नाम से प्रचलित है। मेराल्जिया पेरेस्थेटिका : लेटरल क्यूटेनीअस नर्व दबने से जाँघ में हलका दर्द और झुनझुनी उत्पन्न होती है । टार्सल टनल सिन्ड्रोम, जिसमें पोस्टीरीअर टीबीअल नस पैर के चूंटन के नीचे दबने से पैर के तलवे में दर्द या झुनझुनी होती है। छोटी सर्जरी द्वारा इससे राहत मिलती है। अनुभव से पता चला है कि यह सभी एन्ट्रेपमेन्ट अत्यंत प्रचलित है । परंतु मुख्यतः बिना निदान मरीज़ लंबे समय तक परेशान होता रहता है। इसलिए इस बारे में जाग्रतता रखनी चाहिए । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001801
Book TitleMastishk aur Gyantantu ki Bimariya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudhir V Shah
PublisherChetna Sudhir Shah
Publication Year2008
Total Pages308
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Science, & Medical
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy