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________________ 18 - मोटर न्यूरोन डिसीज़ (Motor Neuron Diseases) 207 (६) कुछ भाग्यशाली मरीजों में यह रोग एक हाथ-या पैर तक सीमित रहता है, जिसे मोनोपेरेटिक मोटर न्यूरोन डिसीज़ कहते है । मदास मोटर न्यूरोन डिसीज में बहरापन भी साथ हो जाता है, जो सामान्यतः अन्य प्रकार की मोटर न्यूरोन डिसीज में नहीं होता है। निदान : बीमारी का निदान इ.एम.जी. जाँच से सही तरीके से हो सकता है। एक बार इस बीमारी का निदान न्यूरोलोजिस्ट के पास चौक्साई से (ध्यानपूर्वक) करवाना जरुरी है, क्योंकि इस निदान के बाद मरीज के पास समय कम रहता है । इसलिये उसके शेष जीवन का व्यवस्थित आयोजन, उसका आर्थिक, मेडिकल, सामाजिक पहलू का आयोजन इत्यादि शीघ्र ही कर लेना एक व्यवहारिक और आवश्यक बात हो जाती है। कुछ बार मोटर न्यूरोन डिसीज़ जैसे ही लक्षण कई अन्य बीमारी से होते है, जैसे कि होर्मोन-पेराथाईरोइड़ की कमी, करोड़रज्जु का घाव (व्हीप्लेश इन्जरी), कुछ धातुओं का शरीर पर प्रभाव (जैसे कि शीशा), रेडिएशन, रसायनों का दुष्प्रभाव, मायलोमा तथा अन्य प्रकार की केन्सर अथवा एईड्स की बीमारी से होनेवाले मोटर न्यूरोन डिसीज़ भी होते है। ऐसी बीमारी को सेकन्डरी मोटर न्यूरोन डिसीज़ कहते है। इस प्रकार कभी भी किसी प्राईमरी मोटर न्यूरोन डिसीज का निदान/लेबल करने से पहले उपर्युक्त बताए अनुसार मुख्यत: ट्रीटमेन्ट से अच्छे हो सके एसे प्रकार के रोग मरीज को है कि नहि - इसकी जाँच करना बहुत आवश्यक है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001801
Book TitleMastishk aur Gyantantu ki Bimariya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudhir V Shah
PublisherChetna Sudhir Shah
Publication Year2008
Total Pages308
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Science, & Medical
File Size17 MB
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