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________________ . mamigame nedabana KED.. 16 - करोड़रज्जु के रोग (Myelopathy) 191 (१) अब हम करोड़रज्जु पर दबाव के संदर्भ में देखेंगे : PPIN SHASERAI (१) करोड़रज्जु में बीच में गांठ हो या बीच में पानी भर जाए उसे इन्ट्रामेडयूलरी प्रकार का करोड़रज्जु का रोग कहते हैं, जिसे मेडिकल न्यूरोलोजी जाँच में तुरंत ही पकड़ सकते है और एम.आर.आई. द्वारा सुनिश्चित कर सकते हैं । (२) करोड़रज्जु के आवरणों की गांठ (मेनिन्जिओमा) या करोड़रज्जु में से निकलनेवाली चेता की गांठ (श्वानोमा)। (३) करोड़रज्जु के आवरणों पर केन्सर या लिम्फोमा की गांठ । (४) करोड़रज्जु के आवरणों की बाह्य गांठ ॥ : लायपोमा इत्यादि । (५) करोड़ (मेरुदंड) के मणके का फेक्चर, उसकी गांठ ( बोन ट्यूमर), सर्वाइकल स्पोन्डिलोसिस, मणके में मवाद होना, जैसे कि, टीबी, दो मणके के बीच की गद्दी खिसक जाना, फ्लुरोसिस से मणके करोड़रज्जु का एम.आर.आई. का घिसाव। इन सब द्वारा करोड़रज्जु पर दबाव होता है, जो उपर के चित्र में दर्शाया हैं। इन सब में वाहन-दुर्घटना से होने वाले करोड़रज्जु के घाव सबसे अधिक देखने को मिलते है और इसका उपचार अधिकतर कठिन होता हैं । इसके पश्चात् सर्वाइकल स्पोन्डिलोसिस के कारण करोड़रज्जु और नसो में होने वाले दबाव के चिह्न बहुत प्रचलित है । जिसके लिए ओपरेशन की आवश्यकता हो सकती है। यह अधिकतर वयस्क लोगों में होता है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001801
Book TitleMastishk aur Gyantantu ki Bimariya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudhir V Shah
PublisherChetna Sudhir Shah
Publication Year2008
Total Pages308
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Science, & Medical
File Size17 MB
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