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________________ 15 - सेरिबल पाल्सी (Cerebral Palsy) 183 इसी प्रकार मस्तिष्क विकास और बुद्धिशक्ति में अधिकतर बच्चे कमजोर रहते है, बोलना देर से सीखते है तथा उच्चारण स्पष्ट नहीं होते । कुछ तीव्र केस में चेहरे से ही बालक मंदबुद्धि होने का पता चल जाता है। इस में से कुछ बच्चे बहुत शरारती और जिद्दी भी हो सकते है और कुछ को मिर्गी भी आती है। परंतु याद रखना चाहिए कि अधिकतर बच्चों को यह बीमारी सामान्य प्रकार की होने से कुछ समय के बाद बच्चा लगभग सामान्य हो सकता है। परंतु जिन बच्चों के हाथ-पैर संपूर्णतः असरयुक्त हो, मस्तिष्क में अधिक हानि हो और मंदबुद्धि का हो उसका उपचार अत्याधिक मुश्किल निदान : जन्म पश्चात् बालक का उम्र के साथ विकास नहीं होता, वह मातापिता को सबसे पहले ध्यान में आता हैं । बालक गर्दन कड़क-टट्टार रखना, नजर घुमाना, करवट बदलना, बैठना, चलना इत्यादि सीख नहीं सकता । बालक अगर मंद बुद्धि का हो तो माता-पिता या घर के सदस्यों को पहचानना भी नहीं सीख सकता। बच्चे के जन्मसमय की जानकारी, जन्म के तुरंत बाद बच्चे के रोने में देरी, श्वासोच्छ्वास में तकलीफ या बच्चा पैदा होकर नीला पड़ गया हो, ऐसी कोई जानकारी मिलें तो निदान सरल हो जाता है । कुछ केस में ही एम.आर.आई. या अन्य जाँच करवानी पड़ती है । • उपचार : सेरिब्रल पाल्सी की कोई जादूई या चमत्कारिक दवाई या ऑपरेशन नहीं है, लेकिन इससे हताश होने की जरूरत भी नहीं है । ऐसे बच्चे को शीध्र से शीध्र कुछ खास प्रकार की तालीम चालू करवानी पड़ती है । पाँच वर्ष से कम की उम्र के बच्चों को देनेवाली तालीम को अर्ली इन्टरवेन्शन Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001801
Book TitleMastishk aur Gyantantu ki Bimariya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudhir V Shah
PublisherChetna Sudhir Shah
Publication Year2008
Total Pages308
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Science, & Medical
File Size17 MB
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