SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 198
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ | सेरिबल पाल्सी (Cerebral Palsy) प्रत्येक हज़ार में २ (दो) बच्चों को होनेवाला यह लगभग जन्मगत प्रकार का मस्तिष्क का ऐसा रोग है जिसमें दोनों पैर अथवा हाथ-पैर का विकास अत्यंत मंद हो जाता है। साथ ही कुछ मात्रा में मानसिक विकलांगता और मस्तिष्क से उद्भव होने वाली मिर्गी होती हैं । इस कारण इस रोग को सेरिब्रल पाल्सी नाम दिया गया है । इस प्रकार सेरिब्रल पाल्सी (सी.पी.) का सही अर्थ है-विकसित होते हुए मस्तिक को हानि पहुँचना । हमने आगे के प्रकरण में देखा कि मस्तिष्क के विभिन्न हिस्से कुछ निश्चित मनोशारीरिक क्रियाओं का प्रारंभ और नियंत्रण करते है । अब मस्तिष्क के जिस हिस्से को हानि पहुँची हो उस भाग द्वारा नियंत्रित क्रिया होने में परेशानी होती है। यह सच्चाई के कारण ही सेरिब्रल पाल्सीग्रस्त बच्चों में एक या अधिक मात्रा में तकलीफ होती हैं । इसलिए सेरिब्रल पाल्सीग्रस्त दो बच्चों को एकदम अलग प्रकार की तकलीफ हो, वह संभव है। इस रोग की लाक्षणिकता यह है कि उम्र बढ़ने से इसमें धीरेधीरे सुधार होता जाता है, बीमारी बढ़ती या बिगड़ती नही । इस प्रकार जो बीमारी धीरे धीरे बिगड़ती जाती है, वह सेरिब्रल पाल्सी नहीं होती । कारण : कुछ केसो में यह रोग जन्मसमय में ऑक्सिजन की कमी की वजह से होता है। शेष अधिकतर केसो में गर्भ के वातावरण या विकास में कमी उत्पन्न होने से ऐसा हो सकता है । वंशानुतागत कारण शायद ही हो सकता है। हमने देखा कि सेरिब्रल पाल्सी मस्तिष्क में हुई हानि के कारण है। इन कारणों को हम मुख्यतः तीन हिस्सो में विभाजित कर सकते हैं : Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001801
Book TitleMastishk aur Gyantantu ki Bimariya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudhir V Shah
PublisherChetna Sudhir Shah
Publication Year2008
Total Pages308
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Science, & Medical
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy