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14- मस्तिष्क में होने वाली गांठ (Brain Tumour)
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पीछे या नीचे के भाग में होने वाली गांठ को इन्फाटेन्टोरियल कहते है । इसके अलावा करोड़रज्जु में भी ऐसी दोनों प्रकार अर्थात् केन्सरयुक्त या बिना केन्सर (निर्दोष) की गांठ हो सकती है ।
केन्सर की गांठो में कुछ गांठ बहुत ही शीघ्रता से बढ़ती हुई गंभीर प्रकार की होती हैं, जिसमें मरीज की आयु अघिकांशत: ६ महीने से ३ वर्ष जितनी ही रहती है (जैसे कि मेलिग्नन्ट ग्लायोमा, एनाप्लास्टिक ग्लायोमा, ग्लायोब्लास्टोमा मल्टीफोर्मी, इत्यादि....) । केन्सर की कुछ गांठ मंद गति से फैलती है जैसे कि एस्ट्रोसायटोमा (Astrocytoma), ओलिगोडेन्ड्रोग्लायोमा, इत्यादि ।
इसके अलावा मस्तिष्क में लिम्फोमा प्रकार की गांठे भी होती है, जो एईड्सयुक्त मरीज़ में विशेषतः पाई जाती हैं ।
बिना केन्सर की गांठो में मुख्यतः मेनिन्जिओमा श्वानोमा और पिट्यूइटरी ग्रंथि की गांठ मुख्य है। शुरूआत में ही उसका निदान हुआ हो और योग्य सर्जन के पास सही तरीके से उसकी सर्जरी हुई हो तो मरीज की आयु यथावत् रहती है, इतना ही नहीं बल्कि कुछ सामान्य परेशानियाँ या कमजोरी छोडकर मुख्यतः नोर्मल जैसी ही जिंदगी रहती है ।
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