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________________ 11- निद्रा-विकार और उपचार (Sleep Disorders) 139 यह विकार बचपन में पैदा होता है और उम्र बढ़ने से ठीक हो जाता है । वयस्क व्यक्ति में यह विकार असामान्य होता है और यह कोई मानसिक बिमारी या किसी दवा का दुष्प्रभाव हो सकता है । Jain Education International कभी निद्रा में चलने के दौरान गिरने से चोट लग जाने अथवा मृत्यु हो जाने जैसी दुर्घटना भी हो सकती है, अथवा तो मरीज अनजाने ही गुनाहित प्रवृत्ति में फंस सकता है । कोई भावुकताशील दुर्घटना या भय अथवा हिंसक व्यवहार हो सकता है । कभी डर लगे और हृदय की धड़कन भी बढ़ जाती है । उपचार में ०.५ या १.०० मि.ग्रा. क्लोनाझेपाम दी जा सकती है I निद्रा में डर लगना ( Sleep Terrors ) : बचपन में होता है । निद्रा की तीसरी या चौथी अवस्था में ऐसा होता है । बच्चा अचानक चौंक कर जाग जाता है और उसके श्वासोच्छ्वास गहरे और तेज हो जाते है, साथ में बालक डर जाता है । ऐसे बच्चो में नींद में चलने के लक्षण भी हो सकते है । डायाझेपाम तथा अन्य कुछ दवाई इस बीमारी को नियंत्रित रखने में सहायक है । I निद्रा में जर्क / झटके लगना ( Sleep Starts ) : निद्रा आती है तब कई चलन बिंदु उत्तेजित हो जाते है, जिससे अधिकतर जर्ड्स / झटके आते हैं और व्यक्ति जाग जाता है । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001801
Book TitleMastishk aur Gyantantu ki Bimariya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudhir V Shah
PublisherChetna Sudhir Shah
Publication Year2008
Total Pages308
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Science, & Medical
File Size17 MB
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