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10 स्मृतिभ्रंश मतिभ्रंश; और याददास्त बढ़ाने के उपाय
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जहाँ संभावना हो और आवश्यकता हो (उदा. किसी एक प्रश्न के अनेक कारणों या मुछें याद रखने हो) तो नेमोनिक्स या संक्षिप्तीकरण का प्रयोग किया जा सकता है e.g. ABCD | कई लोग चित्र से (ग्राफिक मेमरी) या संगीतमय तरीके (मेलोड़ी से) से भी याद रखते हैं । यह और ऐसे प्रयोग लम्बे लिस्ट की जगह स्वयं ही अपनाने चाहिए ।
पाठ्यपुस्तक में महत्व के विधानों को रेखांकित करें, जिससे बिनजरूरी पढ़ने में याद रखने में समय व्यर्थ नहीं होता और आवश्यक जानकारी याद रह जाती है ।
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कुछ समय तक पढ़ने के बाद आँखो को पटपटाएँ, इससे आंखो की थकावट उतर जाती है। आंखो को बंद कर के हाथ की हथेली से हल्के से दबाओ, हथेली की उष्मा और शक्ति आंख को ताजगी प्रदान करती है ।
थक जाने तक एक ही स्थिति में रह कर न पढ़े। संभावना हो तो कमरे में एक-दो बार घूमकर, गहरे श्वास लेकर, प्राणायाम करके आवश्यक स्फूर्ति मिल सकती है । परीक्षाखंड में कठिन प्रश्न हो तब आंखे बंद रखकर पढ़ी हुई जानकारी याद करें, इससे शीघ्र ही स्मरणशक्ति जाग्रत होगी ।
आगे समझाया गया है कि याददास्त बढ़ाने के लिए कोई निश्चित अक्सीर इलाज नहीं है, लेकिन उपरोक्त उपायों के अनुसार पठन या अभ्यास किया जाए तो सिर्फ छात्रों को ही नहीं, लेकिन प्रत्येक व्यक्ति को निश्चित ही लाभ
होगा ।
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