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________________ 126 मस्तिष्क और ज्ञानतंतु की बीमारियाँ नियमित अभ्यास के लिए समयतालिका बनानी चाहिए, जिसे टेबल या दीवार पर रखें । अभ्यास समय में आपको कोई बाधा न पहुँचाए इस कारण मातापिता और मित्रों को इसकी जानकारी दें। अभ्यास शुरू करने से पहले और अभ्यास करने के बाद एक मिनिट आँखे बंद रखकर धीरे धीरे गहरी श्वास लें । मुख्यतः कठिन विषय के अभ्यास के बाद पांच मिनट के लिए गहरी श्वास लें । इससे मन की एकाग्रता बढ़ेगी। दिलसे, उत्साहपूर्वक पढाई करें, रीबोजोमल मेमरी के सिद्धांत अनुसार निम्न सूचनों से लाभ होता है : ध्यानपूर्वक प्रत्येक पेरेग्राफ पढ़ें और उसमें लिखे हुए मुद्दों को ठीक तरह याद रखें । उसी प्रकार दूसरा पेरेग्राफ पढ़ें । और थोडी देर पढ़ने के बाद पाठ्यपुस्तक एक तरफ रखकर पढ़ें हुए पाठ को याद करें । मुख्य मुद्दों को याद करके उसे लिखें तथा अन्य लोगों के साथ पढ़े हुए मुद्दों की चर्चा करें और उसके पश्चात् पढ़े हुए मुद्दों की याद किए हुए मुद्दों के साथ तुलना करें। प्रत्येक नये प्रकरण-पाठ को पढ़ने से पहले २ से ५ मिनट पीछे पढ़े हुए प्रकरण को सरसरी निगाह से याद कर लें । २४ घंटों के बाद, ७, १५ और ३० दिनों के बाद पढ़े हुए विषयों के २ से १५ मिनट के लिए केवल मुख्य मुद्दे याद करें तो किसी भी कमजोर विद्यार्थी को भी यह सही ढंग से लंबे समय तक याद रहता है - इसमें कोई आशंका नहीं है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001801
Book TitleMastishk aur Gyantantu ki Bimariya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudhir V Shah
PublisherChetna Sudhir Shah
Publication Year2008
Total Pages308
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Science, & Medical
File Size17 MB
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