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10 - स्मृतिभ्रंश-मतिभ्रंश; और याददास्त बढ़ाने के उपाय
दवाई मरीज के रोग के अनुसार योग्य दवाई दी जा सकती है, जैसे कि(१) एन्टिप्लेटलेट : वास्क्युलर डिमेन्शिया में (२) नई विशिष्ट दवाई जैसे कि रिवास्टिग्मिन, डोनपेजिल,
गेलामर, मेमेन्टीन इत्यादि आल्जईमर डिमेन्शिया में दी जा
सकती है। (३) अरगोट समूह की दवाई जैसे कि समिअन, हाइडरजिन,
सेरेलोइड (४) पिरासिटाम जैसे कि नोर्माब्रेइन, न्यूट्रोपिल, सेरेसिटाम अथवा
एन्सेफेबोल दवाई। स्मृतिभ्रंश की रोकथाम और मस्तिष्क की कार्यक्षमता :
ऐसा माना जाता है कि प्रौढ मनुष्य की मस्तिष्क की कोषिकाएं क्षिण-नष्ट होती जाती है और याददास्त और मस्तिष्क शक्ति कम हो जाती है, लेकिन यह संपूर्णतः सत्य नहीं है । संशोधन द्वारा अभी ऐसा जाना गया है कि अगर योग्य वातावरण दिया जाए तो वृद्ध व्यक्तियों के मस्तिष्क में भी नये चेताकोष और कोशिकाए विकसित हो सकती है। याददास्त अंत समय तक अच्छी रखी जा सकती है।
मस्तिष्क को कार्यशील करने के लिए रक्त संचार जरूरी है, इसलिए शुरूआत सुबह से ही करो, थोडा सा जोगिंग करो, जिससे शरीर में रक्त प्रवाह बढता है । परिणामस्वरूप मस्तिष्क को रक्त और
ओक्सिजन की आपूर्ति अधिक मिलेगी और चेतातंत्र जाग्रत होगा । व्यायाम के पश्चात् नास्ता लेने में ध्यान रखो । चरबीयुक्त पदार्थों के बजाय कार्बोहाईड्रेटयुक्त (ग्लुकोज़ आधारित) पदार्थ अधिक पसंद करो । ओफिस या कामकाज के स्थान पर एक से डेढ़ घंटे काम करने के बाद कुछ क्षणों के लिये विश्राम करो, थोड़ा टहेलो । निरंतर एक ही प्रकार का काम करते मस्तिष्क को दूसरा काम दो, जो मस्तिष्क को अधिक सचेत रखता है।
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