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________________ 10 - स्मृतिभ्रंश-मतिभ्रंश; और याददास्त बढ़ाने के उपाय 119 अन्य नई दवाई-पद्धति जिसमें जिनेटिक एन्जिनियरिंग तथा क्लोनिंग का उपयोग किया जाता है, वह अभी प्रायोगिक कक्षा में है। आल्जाइमर्स का वेक्सिन भी तैयार किया गया है । हमारे देश में इन सभी महँगी दवाई के साथ पिरासिटाम ( नोर्माब्रेईन, नूरोपील) जिन्कगो बिलोबा तथा अरगट ग्रुप की दवाई प्रचलित है। (२) Frontotemporal Dementia : विस्मृति के रोगों में आल्झाईमर के रोग के बाद यह एक महत्वपूर्ण रोग है । इसमें फन्टल लॉब और टेम्बपोरल लॉब के कोषों का क्रमशः नाश होता है । जिसके लक्षणों को दो समूहों में वर्गीकृत किया जा सकता है। व्यवहार के लक्षण या व्यक्तित्त्व में बदलाव / और Executive (नेतृत्व) function के संबंधित समस्याओं के लक्षण । व्यवहार के लक्षणों में सुस्ती, अनुचित वर्ताव करना या उदासिन रहना, अपने आपकी देखभाल न करना वगैरह शामिल है । दर्दी जटिल कौशल (Complex Executive Task) प्रदर्शन करने में असमर्थ होता है । यह रोग में मरीज की भाषा भी प्रभावित होती है । कई मरीजों की भाषा का धाराप्रवाह सामान्य होता है पर वह किसी चीज का नाम और शब्द समझने में कठिनाई महसूस करते है। जबकि कई मरीजों की भाषामें वाक्यात्मक त्रुटि होती है ।। अल्झाईमर के रोग जैसे ही लगनेवाले यह रोग में मुख्यतः निम्न फर्क है। आदमी की नेतृत्व शक्ति, निर्णय शक्ति और विशेष बुद्धिमता को पहले असर होती है । उसके व्यक्तित्व और वर्तन में काफी बदलाव आ जाता है । जैसे कि पहले का आदमी ही न हो । आल्झाईमर रोग से और एक अलग बात यह है, कि इस रोग में याददास्त के संग्रह (Memory Storage) और रास्ते की परख काफी देर तक ठीक रहती है । इस रोग के तीन प्रकार है । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001801
Book TitleMastishk aur Gyantantu ki Bimariya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudhir V Shah
PublisherChetna Sudhir Shah
Publication Year2008
Total Pages308
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Science, & Medical
File Size17 MB
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