SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 136
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 10- स्मृतिभ्रंश - मतिभ्रंश; और याददास्त बढ़ाने के उपाय 117 चिकित्सकीय दृष्टि से तीन अवस्था में बांटे गये इस रोग की अंतिम अवस्था में मरीज संपूर्णतः परावलंबी बन जाता है । कारण तथा उपचार : आल्ज़ाइमर्स होने का निश्चित कारण नहीं जाना गया है । लेकिन मरीज का विचार, याददास्त और भाषा पर नियंत्रण रखनेवाले मस्तिष्क के कोष नष्ट हो जाते है । ऐसा होने के कारणों में रक्त का परिभ्रमण कम होना, संक्रमण (इन्फेक्शन) या बढ़ती उम्र नहीं होते । ऐसे तो कई विश्वविख्यात व्यक्तियों में यह रोग है, यह सर्वविदित बात है । जैसे की अमरिका के भूतपूर्व प्रमुख रोनाल्ड रीगन, रिटा हेवर्थ, शुगर रे रोबिन्सन, ई. बी. व्हाइट तथा अन्य... इस रोग की कोई निश्चित दवाई का अभी तक कोई सफल संशोधन नहीं हुआ । रोग के लक्षणों की तीव्रता घटानेवाली नई दवाई का संशोधन जारी है । ऐसा होने पर इस रोग का इलाज करके इन मरीजों के लिए मदद हो सकती है । रोजिंदी जिंदगी में आनेवाली अपेक्षित आपत्ति के निवारण के बारे में मरीज तथा उनके सगे-संबंधियों के पास पद्धतिसर जानकारी और तालीम होना आवश्यक है । • निदान : आगे बताए गयें लक्षणों के उपरांत मरीज का होश, याददास्त, ग्रहणशक्ति और भाषाकीय संतुलन को जांचते हुए अनेक परिक्षण (Cognitive Test) से मरीज को डिमेन्शिया होने की बात का समर्थन मिल सकता है । मिनि मेन्टल स्टेटस एक्जामिनेशन, वर्ड लिस्ट मेमरी टेस्ट, वर्ड रिकॉल टेस्ट जैसे न्यूरोसाईकोलोजिकल मापदंड द्वारा रोग और उसकी तीव्रता नापी जा सकती है । रक्त का टेस्ट, ब्लडशुगर का प्रमाण, थाईरोइड टेस्ट, पेराथाईरोइड टेस्ट, यकृत तथा किडनी के टेस्ट, विटामिन बी१२ तथा फोलिक एसिड की मात्रा आदि परिक्षण भी इलाज में सहायक है, जो इस रोग के मरीजों में नोर्मल होने चाहिए । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001801
Book TitleMastishk aur Gyantantu ki Bimariya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudhir V Shah
PublisherChetna Sudhir Shah
Publication Year2008
Total Pages308
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Science, & Medical
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy