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________________ ध्यान दिया है इसलिए मैं ईन सभी का कृतज्ञी हूँ । डॉ. अतुल पटेल (एम.डी.)ने प्रकरण १३में एईड्स के बारे में अच्छे सलाह-सूचन दिये है। उसके उपरांत मेरी अर्धांगिनी श्रीमती चेतना शाह ने भी पूरे पुस्तक में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। साथमें समय के अभाव के बावजूद उनके सुंदर समय के आयोजन की वजह से ही इन बीमारियों के बारे में व्यवस्थित लिखा गया है। इस पुस्तक के माध्यम से काफी जनजागृति आई है, काफी लोगों को नई जिंदगी मिली है । कुछ ओर लोग बीमारियों के रोकथाम के बारे में जागृत होते है अथवा समयसर बीमारी के उपचार से थोड़े से ओर भी मरीजों की जिन्दगी बचती है तो मेरे जीवन में आनंद की अनुभूति बढेगी और मुझे संतोष मिलेगा। साथ ही, दर्दी के रोगों के बारे में पर्याप्त जानकारी मिलने से और तबीबी क्षेत्र की मर्यादा की जानकारी मिलने से डॉक्टर-पेशन्ट संबंध में यह पुस्तक प्रेम-विश्वास बढायेगा, ऐसी मुझे श्रद्धा है। इस प्रकाशन में प्रेरणा और मार्गदर्शन देनेवाले सभी लोगों का दिल से भावपूर्वक स्मरण करते हुए मुझे कृतार्थता का एहसास हो रहा है । खासकर मेरे गुरुवर्य डॉ. हर्षदभाई जोषी, डॉ. पी.एम. दलाल, डॉ. अरुण शाह, डॉ. भीम सिंघल, डॉ. प्रविणा शाह, डॉ. फेन्क यात्सु (ह्युस्टन), डॉ. नायल क्वीन (लंडन), डॉ. शिमोन शोरवोन (लंडन) जिन्होंने मुझे न्युरालोजी की शिक्षा दी है, उन सबको नत मस्तक प्रणाम करता हूँ। अंत में परमकृपालु परमात्मा सभी का कल्याण करे ऐसी शुभेच्छा सह... १४ सितम्बर, २००८ डो. सुधीर वी. शाह राष्ट्रीय हिन्दी दिन एम. डी., डी. एम. (न्यूरोलोजी) अहमदाबाद Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001801
Book TitleMastishk aur Gyantantu ki Bimariya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudhir V Shah
PublisherChetna Sudhir Shah
Publication Year2008
Total Pages308
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Science, & Medical
File Size17 MB
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