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7 - आधाशीशी और अन्य सिरदर्द एवम् वर्टिगो (Migraine, other headaches & vertigo) 89 है, उतने हिस्से में नस दर्द पीडा उत्पन्न करें उसे न्यूराल्जिया कहते हैं । सामान्यतः कुछ नसों में यह अक्सर देखा जाता है जैसे कि मस्तिष्क की पाँच नम्बर की, नव नम्बर की नस... आदि । ऐसे न्यूराल्जिक दर्द छाती में, पेट में, त्वचा पर, हाथ और पैरो की चेताओं में भी हो सकता है । यह बात मुख्यतः जाननी चाहिए की त्वचा पर होने वाले हीस-झोस्टर-वाईरस की बीमारी नस पर सूजन उत्पन्न करती है और उससे अत्यंत पीड़ाजनक न्यूराल्जिया का उद्भव होता
मस्तिष्क की पाँच नम्बर की नस को ट्राइजेमिनल चेता (नर्व) कहा जाता है और उसमें होने वाले इस प्रकार के दर्द को ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया कहा जाता है । यह दर्द बिजली के करंट जैसा अल्प समय तक परंतु अत्यंत तीव्र पीड़ादायक होता है और बार-बार होता है । दिन में एक-दो बार से लेकर १०० या २०० या उससे भी अधिक करंट जैसे दर्द से मरीज़ लाचार हो जाता है । उसे कुछ अच्छा नहीं लगता। ठंडे पानी का स्पर्श या भोजन के लिए मुंह खोले या ठंडा पानी-हवा का झोंका आए तो भी दर्द शुरु हो जाता है । ट्राइजेमिनल नस तीन भाग में विभाजित होती है । प्रथम भाग में तकलीफ हो तो भालपेशानी पर दर्द होता है, द्वितीय भाग में तकलीफ हो तो गाल पर और तृतिय भाग में तकलीफ हो तो जबड़े में दर्द होता है। सामान्यतः यह रोग पाँच नंबर की चेता पर कोई छोटी-सी रक्तवाहिनी के दबाव के कारण पैदा होता है ।
सामान्यतः यह रोग में न्यूरोलोजिकल जाँच में किसी प्रकार की गड़बड़ नहीं दिखती है लेकिन अगर साथ साथ जिस किसी भाग में संवेदना कम हो गई हो उसके साथ में अन्य नसों (उदा. ६ या ७ नम्बर की नसें) पर तकलीफ दिखें अथवा मरीज़ की उम्र ४० से कम हो तो एम.आर.आई. ब्रेईन (विथ कोन्ट्रास्ट और कभी एम.आर. एन्जिओग्राफी) करा लेनी चाहिए, क्योंकि इस प्रकार के किसी भी केस
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