________________
जैनधर्म और तान्त्रिक साधना
४० सं० यक्षी
वाहन भुजा-सं० १४. (i) अंकुशा--श्वे० पद्म चार
या दो
आयुध खड्ग, पाश, खेटक, अंकुश । फलक, अंकुश (पद्मानन्दमहाकाव्य) धनुष, बाण, फल, वरदमुद्रा उत्पल, अंकुश, पद्म, अभयमुद्रा
हंस
चार
मत्स्य
चार
(ii) अनन्तमती-दि० १५. (i) कन्दर्पा
या पन्नगा-श्वे० (ii) मानसी-दि०
व्याघ्र
व्याघ्र
छह
१६. (i) निर्वाणी-श्वे०
पद्म
चार
(ii) महमानसी-दि०
चार
मयूर या गरुड़
१७. (i) बला-श्वे०
मयूर
चार
(ii) जया--दि०
शूकर
चार या छह
१८.(i) धारणी या काली-
पद्म .
श्वे०
(ii) तारावती या विजया हंस या -दि०
सिंह १६. (i) वैरोट्या-श्वे० पद्म
दो में पद्म और शेष में धनुष, वरदमुद्रा, अंकुश, बाण। पाश, चक्र डमरु, फल, वरदमुद्रा (अपराजितपृच्छा) पुस्तक, उत्पल, कमण्डलु, पद्म या वरदमुद्रा फल, सर्प या इढ़ि या खड्ग?. चक्र, वरदमुद्रा बाण, धनुष, वज, चक्र (अपराजितपृच्छा) बीजपूरक, शूल या त्रिशूल, मुषुण्ढि या पद्म, पद्म शंख, खड्ग, चक्र, वरदमुद्रा वज, चक्र, पाश, अंकुश, फल, वरदमुद्रा (अपराजितपृच्छा) मातुलिंग, उत्पल, पाश या पद्म, अक्षसूत्र सर्प, वज्र, मृग या चक्र, वरदमुद्रा या फंल वरदमुद्रा, अक्षसूत्र, मातुलिंग, शक्ति फल, खड्ग, खेटक, वरदमुद्रा वरदमुद्रा, अक्षसूत्र, बीजपूरक. कुम्भ या शूल या त्रिशूल खेटक, खड्ग, फल, वरदमुद्रा, खड्ग, खेटक (अपराजितपृच्छा) वरदमुद्रा, खड्ग, बीजपूरक, कुम्भ या शूल या फलक | अक्षमाला, वज, परशु, नकुल, वरदमुद्रा, खड्ग, खेटक, मातुलिंग (देवतामूर्तिप्रकरण) दण्ड, खेटक. अक्षमाला, खड्ग शूल, खड्ग, मुदगर, पाश, वज, चक्र, डमरू, अक्षमाला (अपराजितपृच्छा)
चार
शरभ भद्रासन
चार चार
(ii) अपराजिता-दि० २०. (i) नरदत्ता-श्वे०
या सिंह (ii) बहुरूपिणी-दि०
कालानाग चार या
दो
- हंस
चार या
२१. (i) गान्धारी या
मालिनी-श्वे.
आठ
(ii) चामुण्डा या कुसुम- मकर या
___ मालिनी-श्वे० मर्कट
चार या आठ
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org