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सं० यक्ष १२. कुमार- (क) श्वे०
(ख) दि०
१३. (i) षण्मुख-श्वे०
(ii) चतुर्मुख-दि०
१४. पाताल-(क) श्वे०
(ख) दि०
३५ जैन देवकुल के विकास में हिन्दू तंत्र का अवदान वाहन भुजा-सं० आयुध
अन्य लक्षण हंस चार बीजपूरक, बाण या वीणा,
नकुल, धनुष हंस चार वरदमुद्रा, गदा, धनुष, फल त्रिमुख या षण्मुख या मयूर या छह (प्रतिष्ठासारोद्धार);
बाण, गदा, वरदमुद्रा, धनुष, नकुल, मातुलिंग
(प्रतिष्ठातिलकम्) मयूर बारह फल, चक्र, बाण या
शक्ति, खड्ग, पाश, अक्षमाला, नकुल, चक्र, धनुष. फलक, अंकुश,
अभयमुद्रा मयूर बारह । ऊपर के आठ हाथों में
परशु और शेष चार में खड्ग, अक्षसूत्र, खेटक,
दण्डमुद्रा मकर छह पद्म, खड्ग, पाश, त्रिमुख, त्रिनेत्र
नकुल, फलक, अक्षसूत्र मकर छह अंकुश, शूल, पदम, कषा, त्रिमुख, शीर्षभाग
हल, फल । वज, अंकुश, में त्रिसर्पफण धनुष, बाण, फल,
वरदमुद्रा (अपराजितपृच्छा) कूर्म छह बीजपूरक, गदा, अभयमुद्रा, त्रिमुख
नकुल, पद्म, अक्षमाला मीन छह मुद्गर, अक्षमाला, त्रिमुख
वरदमुद्रा, चक्र, वज, अंकुश; पाश, अंकुश, धनुष, बाण, फल, वरदमुद्रा
(अपराजितपृच्छा) वराह चार बीजपूरक, पद्म, नकुल वराहमुख या गज
या पाश, अक्षसूत्र वराह चार वज्र, चक्र, पद्म, फल। या शुक
पाश, अंकुश, फल, वरदमुद्रा
(अपराजितपृच्छा) हंस चार वरदमुद्रा, पाश, मातुलिंग, या सिंह?
अंकुश पक्षी चार सर्प, पाश, बाण, धनुष; या शुक
पदम, अभयमुद्रा, फल. वरदमुद्रा (अपराजितपृच्छा)
मकर
छह
१५. किन्नर-(क) श्वे०
(ख) दि०
१६. गरुड-(क) श्वे०
(ख) दि०
१७. गन्धर्व-(क) श्वे०
(ख) दि०
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