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जैनधर्म और तान्त्रिक साधना
सं०
यक्ष
६. कुसुम या पुष्प
(क) श्वे०
(ख) दि०
७. मातंग - (क) श्वे०
८.
(ख) दि०
. (i) विजय-श्वे०
(ii) श्याम - दि०
६. अजित - (क) श्वे०
(ख) दि०
१०. ब्रह्म - (क) श्वे०
(ख) दि०
११. ईश्वर - (क) श्वे०
(ख) दि०
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वाहन
मृग
या मयूर
या अश्व
मृग
गज
सिंह
या मेष
हंस
कपोत
कूर्म
कूर्म
पद्म
सरोज
वृषभ
वृषभ
३४
भुजा - सं०
चार
दो या
चार
चार
दो
चार
चार
चार
आठ
चार
आयुध
चार
फल, अभयमुद्रा, नकुल, अक्षमाला
गदा, अक्षमाला
(ii) शूल, मुद्रा, खेटक,
अभयमुद्रा या खेटक
बिल्वफल, पाश
या नागपाश, नकुल या वज्र, अंकुश
वज्र या शूल, दण्ड । गदा, पाश (अपराजितपृच्छा)
चक्र या खड्ग, मुदगर
फल, अक्षमाला, परशु.
आठ या मातुलिंग, मुद्गर, पाश,
दस
वरदमुद्रा
मातुलिंग, अक्षसूत्र
या अभयुद्रा, नकुल, शूल या अतुल रत्नराशि
फल, अक्षसूत्र, शक्ति, वरदमुद्रा
या वरदमुद्रा (दक्षिण); नकुल.. गदा, अंकुश, अक्षसूत्र (वाम); मातुलिंग. मुद्गर, पाश, अभयमुद्रा,
नकुल, गदा, अंकुश, पाश, पद्म (आचारदिनकर)
मातुलिंग, गदा, नकुल:
अक्षसूत्र
अन्य लक्षण
फल, अक्षसूत्र, त्रिशूल, दण्ड या वरदमुद्रा
'बाण, खड्ग, वरदमुद्रा चतुर्मुख धनुष, दण्ड, खेटक, परशु.
वज्र
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त्रिनेत्र
त्रिनेत्र
त्रिनेत्र, चतुर्मुख
त्रिनेत्र
त्रिनेत्र
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