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यंत्रोपासना और जैनधर्म
३१-रुक्मपात्रांकिक्तीर्थ-मण्डल यंत्र
३२-रुक्मपात्रांकित-वरुण मंडल यंत्र
लवणोदकालोद
तादाविद
सातो
देवस्थाने माग
स्थाने मागधा
महादेव
मैत्यालये
। चैत्य
त्यालपेर/
वस्थाने
सीताविध्य
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स्वाहा
चैत्यालयमा
Yऊँही अर्हर (पीपरब्राह्मणेऽनन्त नन्तज्ञानशक्तये
/ सातासी
वादिता परमाने
सालपम्प
स्वाहा
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तोदा-सरव्या
Nदेवस्थाने
गंझदि.
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___३४ वर्दमान यंत्र
ॐणाभयवदो
मौदारिकगरीसिया काय
स्वाहा ति-विधायकाय पर
शिरस्थिाय शाति
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हाँ
बडेमानाया
३३ - रुक्मपात्रांकित
वजमंडल यंत्र
मेरमख 0
वामाबध्दमानार
दि-वाद-सम्पति
वर्दमानाय
समायरल
माहास्वाहा
मानदवायरस
मानायवर्दयो
राशिदो मयब
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स्वाहा
सारसहस्स.
पधन पर
साहा
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वर्दया
शपमहा
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जीवसत्ताण अKिA
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स्वाहा
नमः सिध्दाय ।
मानायब जमनट
महास्वाहा
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कर स्वाहा अबष्क जलत
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साहा
आचायाय
मोडणवा सम्बनी
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गच्छद अयास
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'जैनेन्द्रसिद्धान्तकोश से साभार
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