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मोक्षशास्त्र सटाक ___ चौदह महानदियोंके नाम गङ्गासिन्धुरोहिद्रोहितास्याहरिद्धरिकान्तासीतासीतोदानारीनरकान्तासुवर्णरुप्यकूलारक्तारक्तोदाः
सरितस्तन्मध्यगाः ॥२०॥ अर्थ- गङ्गा, सिन्धु, रोहित, रोहितास्या, हरित् हरिकान्ता, सीता, सीतोदा नारी, नरकान्ता, सुवर्णकूला, रूप्यकूला और रक्ता, रक्तोदा, ये चौदह नदियाँ जम्बूद्वीपके पूर्वोक्त ७ क्षेत्रोके बीच में बहती हैं।
विशेष- पहले पद्म और छठवें पुण्डरीक नामक सरोवरसे तीन तीन नदियाँ निकली है तथा बाकीके सरोवरसे दो-दो नदियाँ निकली है। नदियों और क्षेत्रोंका क्रम इस प्रकार हैं-भरतमें-गंगा सिन्धु, हैमवतमेंरोहीत रोहितास्या, हरिमें-हरित हरिकांता विदेहमें-सीता सीतोदा, रम्यकमेंनारी नरकांता, हैरण्यवतमें-सुवर्णकूला, रूप्यकूला, और ऐरावतमें-रक्तारक्तोदा नदियाँ बहती है ॥ २०॥
नदियोंके बहनेका क्रम द्वयोर्द्वयोः पूर्वा:पूर्वगाः ॥२१॥
अर्थ- सूत्रके क्रमानुसार गंगा सिंधु इत्यादि दो दो नदियोंमेंसे प्रथम नंबरवाली नदियाँ पूर्व समुद्रमें जाती है। जैसे गंगा सिंधुमें गंगा आदि ॥२१॥
शेषास्त्वपरगाः ॥२२॥
बाकी बची हुई सात नदियाँ पश्चिमकी ओर जाती हैं। जैसे गंगा सिंधुमें सिंधु आदि।
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