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[७] विषय अध्याय सूत्र विषय अध्याय सूत्र भावेन्द्रियके स्वरुप २ १८ जम्बूद्वीपका विस्तार पांच इन्द्रियोंके नाम २ १९ सात क्षेत्रोंके नाम पांच इन्द्रियोंके विषय
२० कुलाचलोंके नाम मनका विषय
२१ कुलाचलोंके वर्णन इन्द्रियोंके स्वामी
२२-२३ कुलाचलोंका आकार समनस्क परिभाषा
२४ सरोवरोंका वर्णन विग्रहगतिका वर्णन २५-३० प्रथम सरोवरका नाम ३ जन्मके भेद
३१ प्रथम सरोवरकी गहराई योनियोंके भेद
३२ प्रथम सरोवरके कमल ३ गर्भ जन्मके स्वामी
३३ महापद्म आदि सरोवरउपपाद जन्मके स्वामी
३४ तथा उनमें रहनेवालेसंमूर्च्छन जन्मके स्वामी
३५ . कमलोंका वर्णन ३ १८ शरीरके नाम व भेद २ ३६ कमलोंकी देवियाँ शरीरोका वर्णन २ ३७चौदह महानदियोंके नाम ३ २० औदारिक शरीरका लक्षण २ ४५ नदियोंके बहनेका क्रम ३ २१-२२ वैक्रियिकका लक्षण २४६-४७ सहायक नदियां तैजस शरीर भी ऋद्धि
भरतक्षेत्र का विस्तार ३ २४ निमित्तक होता है २ ४८ आगे के क्षेत्र औरअहारक शरीरका लक्षण २ ४९| पर्वतों का विस्तार ३ लिङ्गके स्वामी
२५०-५२ विदेह क्षेत्रकेआगे केपर्वतअकाल मृत्यु किनकी-
और क्षेत्रोका विस्तार ३ २६ नहीं होती २ ५३ भरत ऐरावत क्षेत्रमें कालकाप्रश्नावली- द्वितीय अध्याय ।
परिवर्तन ३
अन्य भूमि व्यवस्था ३ २८ सात नरक नरकोंमें विलोंकी संख्या
हिमवत आदि क्षेत्रों में
| नारकियों के दुःख
आयुकी व्यवस्था ३ नारकियोंकी आयु
हैरण्यवत आदि क्षेत्रों में -
| कुछ द्वीप समुद्रोंकेनाम
आयुकी व्यवस्था ३ । द्वीप और समुद्रोंकेविस्तार
विदेह क्षेत्रमें आयुकी व्य. ३
भरतक्षत्र का विस्तार ३ और आकाश ३
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