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दानवीर माणिकचन्द दि. जैन ( समय ३ घण्टे ) मोक्षशास्त्र
प्र. १ -
प्र. २
प्र. ३
प्रश्नपत्र
प्रश्नपत्र
निम्नलिखित ५ सूत्रोंका स्पष्ट अर्थ लिखिये । १- तदिन्द्रियानिन्द्रियनिमित्तम् ।
२ - ताभ्यामपरा भूमयोऽवस्थिताः । ३- तदभावाव्ययं नित्यम् ।
परीक्षालय - बम्बई
( पूर्णांक १०० )
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४- तद्विपर्ययो नीचैर्वृत्यनुत्सेकौ चोत्तरस्य । ५- तदविरतदेशविरतप्रमत्तसंयतानाम् । ६- तदनन्तरमूर्ध्व गच्छत्यालोकान्तात् ।
निम्नलिखित में से १० शब्दों की परिभाषा समझाकर २० लिखिये ।
अभिनिबोध, अनिःसृत, आहारक शरीर, अभियोग, आसादन, अपायावद्यदर्शनम्, अपरिगृहीतेत्वरिका गमन, अप्रत्याख्यानावरण, अदर्शन, आम्नाय, अपायविचय । ४, ७, ११, १३ वें स्वर्गो में रहनेवाले देवोंकी २० जघन्योत्कृष्ट स्थिति लिखकर, तुम्हारे भाव जन्म शरीर, संस्थान व संहनन, कितने २ कौन कौन होते हैं स्पष्ट समझाकर लिखिये ।
प्र. ४
किन्ही ५ के उत्तर समझाकर लिखिये ।
१- अनाहारकका लक्षण लिखें, जाब अनाहारक कबतक क्यों रहता है लिखें ।
२- देवोंमें प्रवीचार कहांतक कैसे २ सम्भव है ? व कहां तक सम्भव नहीं हैं।
३ - रौद्रध्यान का लक्षण लिखें, इसके स्वामी कौन हैं?
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