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________________ __ [D] जैन-दर्शन-विशारदा जर्मन डॉ. क्राउज़े का निधन* - अगरचन्द नाहटा, बीकानेर जैनधर्म का प्रचार विदेशों में बहुत ही कम हुआ है, क्योंकि वहाँ लम्बे समय तक जमकर धर्म-प्रचार नहीं किया गया। जैसा अन्य धर्मावलम्बियों ने किया है। जैन प्रतिनिधि गए और कुछ समय बाद ही लौट आए। एक वातावरण बना पर वह स्थायी नहीं रह सका, क्योंकि किसी भी वृक्ष का पौधा सिंचित हुए बिना फल-फूल नहीं देता। मुनि सुशील कुमार जी व चित्रभानु जी वहाँ जाकर ठोस काम कर रहे हैं। आशा है काफी नए जैनी वहाँ के व्यक्ति बन जायेंगे और वे लोग जो प्रचार का काम हाथ में लेंगे तो धर्म-प्रचार में और भी तेजी आयेगी। क्योंकि स्थानीय व्यक्ति जितनी सुगमता व सरलता से काम कर सकते हैं, उतना बाहर का व्यक्ति जाकर नहीं कर सकता। _सबसे पहली बाधा तो भाषा की आती है, फिर वहाँ की संस्थाओं और विशेष व्यक्तियों, पत्र-पत्रिकाओं से सहयोग प्राप्त करना भी आवश्यक होता है। नए-नए जाने वाले व्यक्ति को पहले उसकी आवश्यक जानकारी प्राप्त करने में ही काफी समय लग जाता है। अखिल विश्व जैन मिशन की स्थापना स्वर्गीय कामता प्रसादजी जैन ने इसीलिए की थी कि विदेशों के जैन-धर्म प्रेमियों से सम्पर्क बढ़ाया जाय। यहाँ से उन्हें जैन साहित्य भेजवाकर उनका जैन-धर्म के प्रति आकर्षण बढ़ाया जाय। परं खेद है वैसी सफलता मिलने की आशा ही प्राप्त हो सकी। कामता प्रसादजी के स्वर्गवास होने के बाद तो इस संस्था का काम बहुत ही ढीला पड़ गया है। क्योंकि उपयुक्त कार्यकर्ता नहीं मिल सके अन्यथा भगवान महावीर की 25वीं निर्वाण शताब्दी और उसके बाद सर्वत्र जैन-धर्म की धूम-धाम मच जानी चाहिए थी। क्योंकि उस महोत्सव से भारत में ही नहीं विदेशों में भी एक अच्छा वातावरण बना था। खैर गई सो गई राख रही की, उक्ति के अनुसार अब भी जैन-धर्म का प्रचार विदेशों में तेजी से करवाना चाहिए। विदेशों में भी जैन साहित्य के प्रति सर्वाधिक आकर्षण जर्मनी के विद्वानों में रहा है। डॉ. हर्मन जैकोबी एवं उनके साथी और शिष्यों ने बहुत से जैन ग्रन्थों * “अहिंसा-वाणी', वर्ष ३०, अंक १२ में प्रकाशित । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001785
Book TitleCharlotte Krause her Life and Literature
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreeprakash Pandey
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1999
Total Pages674
LanguageEnglish, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_English, Biography, & Articles
File Size11 MB
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