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________________ Jain Education International पृष्ठ वर्ष अंक २१६ २१ ६ २१ ६ २१. ७ २१ ७ २०-२७ २८-६५ ३-९ १०-१९ २०-२३ २१ ७ For Private & Personal Use Only श्रमण : अतीत के झरोखे में लेख लेखक महाकवि पुष्पदंत : एक परिचय श्री गणेश प्रसाद जैन सावयपण्णत्ति :एक तुलनात्मक अध्ययन (क्रमश:) पं० बालचन्द सिद्धान्तशास्त्री गजेटियर आफ इंडिया (१९६५) में जैनी और जैनधर्म श्री सुबोध कुमार जैन श्रमण संस्कृति में अहिंसा के प्राचीन संदर्भ डॉ० भागचन्द जैन क्या रामकथा का वर्तमान रूप कल्पित है श्री धन्यकुमार राजेश हुए बुन्देलखण्डी भाषा में प्राकृत के देशीशब्द डॉ० कोमलचन्द जैन मांडव- एक प्राचीन जैनतीर्थ । श्री शांतिलाल मांडलिक जयप्रभसूरिरचित कुमारसंभवटीका श्री अगरचन्द नाहटा सर्वज्ञता : एक चिन्तन डॉ० मोहनलाल मेहता जैन रासक परिभाषा, विकास और काव्यरूप डॉ० प्रेमचन्द जैन श्रमण संस्कृति में अहिंसा के प्राचीन संदर्भ । डॉ० भागचन्द जैन क्या रामकथा का वर्तमान रूप कल्पित है श्री धन्यकुमार राजेश अंगविज्जा श्री श्रीनारायण शास्त्री प्राकृत के विकास में बिहार की देन (क्रमश:) श्रीरंजन सूरिदेव क्या 'व्याख्यापप्रज्ञप्ति का १५वां शतक प्रक्षिप्त है ? डॉ० मोहनलाल मेहता जैन साहित्य का बृहद् इतिहास भाग ५ के कतिपय सशोधन श्री अगरचन्द नाहटा ww w 9 9 9 9 9 9 vvv var ई० सन् १९७० १९७० १९७० १९७० १९७० १९७० १९७० १९७० १९७० १९७० १९७० १९७० १९७० १९७० २४-३० ३१-३३ ३४-३८ २१ २१ ८ २१ २१ २१८ २१ ९ १०-१७ १८-२७ २८-३२ ४-१४ www.jainelibrary.org १९७० १९७० १५-१९ २०-२३
SR No.001784
Book TitleShraman Atit ke Zarokhe me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1999
Total Pages506
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Articles
File Size17 MB
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