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________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org ७२ लेख आचार्य हरिभद्रसूरि प्राकृत के एक सशक्त कथाकार अष्टलक्षी में उल्लिखित जयसुन्दरसूरि की शतार्थी की खोज आवश्यक श्रीरंजन सूरिदेव की कुछ मोटी भूलें पुष्पदन्त का कृष्ण काव्य तप क्या है । बौद्ध और जैन आगमों में जननी श्रमण : अतीत के झरोखे में अध्यात्मवाद : एक अध्ययन श्रमण भगवान् महावीर का जन्मस्थान पेथड़रास के कर्ता कौन बौद्ध और जैन आगमों में नारी जीवन : एक और स्पष्टीकरण मगध साम्राज्य का प्रथम सम्राट श्रेणिक लेखक श्री प्रेमसुमन जैन श्री अगरचन्द नाहटा श्री जुगलकिशोर मुख्तार डॉ० देवेन्द्र कुमार पं० बेचरदास दोशी सौ० सुधा राखे सम्यग्दर्शन श्री गोपीचन्द धाड़ीवाल भगवान् महावीर की २५वीं निर्वाणशती कैसे मनायें श्री नन्दलाल मारु पार्वाभ्युदयकाव्य विचार-वितर्क डॉ० श्रीरंजन सूरि देव अपभ्रंश कथाकाव्यों का हिन्दी प्रेमाख्यानों के शिल्प पर प्रभाव श्री प्रेमचन्द जैन श्री देवेन्द्र मुनि शास्त्री श्री नरेश चन्द्र मिश्र 'भंजन' श्री सनत्कुमार रंगाटिया डॉ० कोमलचन्द जैन श्री गणेश प्रसाद जैन वर्ष १८ I var or or on or or १८ १८ १९ १९ १९ १९ १९ १९ av av av a १९ १९ १९ १९ an on १९ १९ अंक १२ १२ १२ १-२ १-२ १-२ १-२ १-२ १-२ १-२ १-२ m m ३ ३ ३ ई० सन् १९६७ १९६७ १९६७ १९६७ १९६७ १९६७ १९६७ १९६७ १९६७ १९६७ १९६७ १९६८ १९६८ १९६८ १९६८ पृष्ठ १९-२६ २७-२९ ३०-३३ ३-१३ १४- १९ २०-२६ २७-३१ ३२-३६ ३९-४२ ४३-५३ ५४-६४ ३-१५ १६-२० २३-२४ २५-३४
SR No.001784
Book TitleShraman Atit ke Zarokhe me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1999
Total Pages506
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Articles
File Size17 MB
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