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श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक मुनिश्री दुलहराज डॉ० मोहनलाल मेहता Shri Ramchandra Jain श्री शिवनारायण पाण्डेय डॉ० देवेन्द्र कुमार शास्त्री
वर्ष १६ १६
अंक ५ ५
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ई० सन् १९६५ ।। १९६५ १९६५ १९६५ १९६५
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लेख विस्मृत परम्परायें कर्मप्राभृत अथवा षट्खंडागम- एक परिचय (क्रमश:) Ahimsa in the Ancient East वीरों का श्रृंगार : अहिंसा क्रांतिदर्शी महावीर रहस्यवादी जैन अपभ्रंशकाव्य का हिन्दी साहित्य पर प्रभाव (क्रमश:) अतिशय क्षेत्र पपौरा कर्मप्राभृत अथवा षट्खंडागम- एक परिचय पुनरुत्थान
हमारी प्रवृत्तियाँ और उनका मूल्यांकन 3 श्रावकप्रज्ञप्ति के रचयिता कौन ?
दर्शन और धर्म नन्दीसूत्र की एक जैनेतर टीका रहस्यवादी जैन अपभ्रंशकाव्य का हिन्दी साहित्य पर प्रभाव अहिंसा पउमचरियं में वर्णित राम की वनयात्रा (क्रमश:)
श्री प्रेमचन्द्र जैन शास्त्री डॉ० अमृतलाल शास्त्री डॉ० मोहनलाल मेहता श्री विद्याभिशु ‘आधुनिक' डॉ० इन्द्रचन्द्र शास्त्री पं० बालचन्द्र शास्त्री श्री देवेन्द्र मुनि शास्त्री श्री अगरचन्द नाहटा
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श्री प्रेमचन्द्र जैन शास्त्री श्री गोपीचन्द धाड़ीवाल डॉ० के० ऋषभचन्द्र
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