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________________ श्रमण : अतीत के झरोखे में Jain Education International लेखक نا د भाई श्री बंशीधर जी डॉ० श्रीरंजन सूरिदेव डॉ० इन्द्रचन्द्र शास्त्री श्री विजयमुनि शास्त्री श्री माईदयाल जैन श्री महेन्द्रराजा जैन वर्ष अंक १३६ ... १३ १३६ १३६ १३६ ६ ई० सन् १९६२ १९६२ १९६२ १९६२ । १९६२ १९६२ पृष्ठ १९-२१ २२-२६ २९-३२ ३३-४२ ४३-४५ ४७-५३ که که س or الله लेख महावीर जयन्ती का अर्थ भगवान् महावीर जन्मकालीन परिस्थितियां महावीर का दर्शन कराइए जैन संस्कृति और महावीर नई राहें भगवान् महावीर जैनधर्म में “एकान्त नियतिवाद और सम्यक् नियति' का भेद मातृभाषा और उसका गौरव जैन शासन तेजस्वी कैसे बने . बुद्ध और महावीर का निर्वाण काव्य में लोकमंगल महावीर का मंगल उपदेश अनेकांत : अहिंसा का व्यापक रूप श्रमण संघ के दस वर्ष आज का फैशन-धूम्रपान आगमों का आनुयोगिक वर्गीकरण श्रीमद् राजचन्द्र का परिचय For Private & Personal Use Only ७-८ . ७-८ الله or الله ७-८ الله १३ الله पं० फूलचन्द्र सिद्धान्तशास्त्री डॉ० वासुदेव शरण अग्रवाल मुनिश्री नथमल जी श्री कस्तूरमल बांठिया श्री गंगासागर राय डॉ० हरिशंकर वर्मा डॉ० जगदीशचन्द्र जैन डॉ० इन्द्रचन्द्र शास्त्री श्री सरदारमल जैन मुनिश्री कन्हैयालाल जी 'कमल' श्री रतिलाल दीपचन्द देसाई १३ १३ १३ १३ १३ ७-८ ७-८ ७-८ ७-८ ९ ९ १०- १० १९६२ १९६२ १९६२ १९६२ ।। १९६२ १९६२ १९६२ १९६२ । १९६२ १९६२ १९६२ ६-८ ९-१३ २१-२३ २५-३६ ४२-४४ ४९-५० ५१-५२ १७-१९ २२-२५ ९-१२ १३-१८ www.jainelibrary.org v
SR No.001784
Book TitleShraman Atit ke Zarokhe me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1999
Total Pages506
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Articles
File Size17 MB
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