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________________ ४७ Jain Education International लेख वर्ष अंक १२ ई० सन् १९६१ १९६१ १२९ १२ १० श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक श्री कस्तूरमल बांठिया मुनिश्री नेमीचन्द जी डॉ० नवरत्न कपूर श्री सूरजचन्द सत्यप्रेमी श्री ज्ञानमुनि जी मुनिश्री नेमिचन्द्र जी श्री अगरचन्द नाहटा श्री सच्चिदानन्द श्री मुनिलाल जैन सुश्री शरबती जैन भाई बंशीधर महावीर के जीवन पर नया प्रकाश साधुसंस्था और लोकशिक्षण 'नौ' का अंक महावीर का अन्तस्तल अभिमान बुरा है लोकशिक्षण के गुण व योग्यताएँ एक अज्ञात ग्रन्थ की उपलब्धि सात शत्रु, सात मित्र महातपस्वी श्री निहालचन्द्र जी पर्युषण : परिचय और व्याख्या पर्युषण पर्व का मतलब पर्युषण : आत्म चिन्तन से सामाजिक चिंतन की ओर पर्युषण और सामाजिक शुद्धि पर्युषण और बौद्ध धर्म पर्युषण और पश्चाताप संवत्सरी For Private & Personal Use Only पृष्ठ ३१-३३ ३५-४० ९-१६ १७-१९ २२-२३ २४-२५ २९-३० ३१-३२ ३३-३८ ९-११ १३-१४ १९६१ १९६१ १९६१ १९६१ १९६१ १९६१ १९६१ १९६१ १२ ११ डॉ० देवेन्द्र कुमार जैन मुनि श्री नेमिचन्द जी श्री उदयचन्द जैन मुनि श्री कन्हैयालाल श्री समीर मुनि 'सुधाकर' १२ १२ ११ ११ १९६१ १९६१ १९६१ १९६१ १९६१ १५-१७ १९-२२ २७-३० ३० ३१-३५ www.jainelibrary.org
SR No.001784
Book TitleShraman Atit ke Zarokhe me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1999
Total Pages506
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Articles
File Size17 MB
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