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________________ ४९२ लेख वर्ष अंक Jain Education International सफेद धोती सबसे पहला पाठ समस्त जैन संघ को नम्र विज्ञप्ति सांपू सरोवर सामुद्रिक विज्ञान श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक प्रो० महेन्द्रकुमार न्यायाचार्य श्री कृष्णचन्द्राचार्य मुनिश्री न्याय विजयजी श्री जय भिक्खु श्री विजय राज १७ ८ ६ or १५ on For Private & Personal Use Only सुधार का मूलमंत्र सुहृदय श्री मुनिलाल जी सेवक सेवा का अर्थ सेवाग्राम कुटीर का संदेश हम किधर बह रहे हैं? हम सौ वर्ष जी सकते हैं? हमारा आज का जीवन हमारा क्रान्तिवारसा श्री जुगलकिशोर मुख्तार श्री हरसजराय जैन प्रो० इन्द्रचन्द्र शास्त्री मनिश्री विद्याविजय जी डॉ० राजेन्द्र प्रसाद डॉ० इन्द्र श्री देवेन्द्रकुमार जैन शास्त्री श्री रतनसागर जैन पं० बेचरदास दोशी 2 ~ 27 MS » » » 39 w ई० सन् १९५१ १९४९ १९६६ १९५४ १९५४ १९५५ १९६२ १९६४ १९५० १९५० १९५० १९५२ १९५५ १९५० १९५४ १९५४ १९५३ १९५२ १९६५ or पृष्ठ २१-२४ २८-३० ३४--३९ ३४-३९ २७-२९ ३८-४० ९-१६ ६६-६८ १७-२३ ३५-३८ ३६-३८ ५-१३ ३१-३३ २७-३० १-८ । ६-१५ २८-३३ १७-२२ २७-३३ of x w or r ५ ७ 5 x m www.jainelibrary.org हमारी यात्रा के कुछ संस्मरण हमारे जागरण का शीर्षासन हृदय का माधुर्य-करुणा लाला हरजसराय जैन मुनि सुरेशचन्द्र मुनिश्री विनयचन्दजी १६
SR No.001784
Book TitleShraman Atit ke Zarokhe me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1999
Total Pages506
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Articles
File Size17 MB
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