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________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org: ४९० लेख वर्मा में होली का त्यौहार वहित और अहित विचारों पर नियन्त्रण के उपाय विजय विद्यालय से माता-पिता का सम्बन्ध विश्व कलेण्डर विश्वकलेण्डर क्यों नहीं अपनाया जाय ? विस्मृत परम्पराएँ वैराग्य के पथ पर विकास का मुख्य साधन (क्रमश:) " व्यावहारिक क्रियाएँ शतावधानी रत्नचन्द्र पुस्तकालय शब्दों की शवपूजा न हो शाक विचार शास्त्रोद्धार की आवश्यकता शिशु की निद्रा शैतान श्रमण संघ के दस वर्ष श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक सुश्री निर्मला प्रीतिप्रेम श्री गणेशप्रसाद जैन प्रो० लालजी राम शुक्ल ० सत्यवती जैन कु० श्रीमती सुशीला श्री महेन्द्रकुमार जैन प्रो० वेंकटाचलम् मुनिश्री दुलहराज जी श्री हजारीमल बांठिया पं० सुखलाल जी "" कुमारी आरती पात्रा डॉ० मोहनलाल मेहता मुनिश्री नथमल जी श्री अत्रिदेव गुप्त विद्यालंकार आचार्य आत्मारामजी श्रीमती कमला देवी खलील जिब्रान डॉ० इन्द्रचन्द्र शास्त्री वर्ष २२ ww ु १६ १३ ও १३ अंक १० ३-४ mr xx ४ ८ १२ १० ११ ३-४ १२ ४ १० ९ ४ ९ ई० सन् १९५५ १९७१ १९५० १९५० १९५७ १९५५ १९५५ १९६५ १९५० १९५० १९५० १९५७ १९५१ १९६१ १९५१ १९६२ १९५४ १९५२ १९६२ पृष्ठ ३०-३२ २०-२३ ३१-३५ ३५-३८ २९-३२ ३३-३७ १४-१८ १८ १७-२५ १३-१८ ११-१३ २३-२८ ३१-३६ १५-१९ ३३-३६ ४१ ३२-३४ २३-३३ १७-१९
SR No.001784
Book TitleShraman Atit ke Zarokhe me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1999
Total Pages506
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Articles
File Size17 MB
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