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________________ ४६५ Jain Education International श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक श्री महेशशरण सक्सेना वर्ष अंक ४ ई० सन् १९५५ पृष्ठ । १४-१७ ४७ ५५-५९ ४७ ३६ २५ २४ ४ डॉ० ऊषा सिंह डॉ० आदित्य प्रचण्डिया श्री जमनालाल जैन श्री देवेन्द्रमुनि शास्त्री श्री भूपराज जैन श्री सुभाषमुनि सुमन उपाध्यायश्री अमरमुनि जी ७-९ ७ ५ ६ ५ २४ M For Private & Personal Use Only लेख महात्मा कन्फ्यूशियस महात्मा गाँधी का मानवतावादी राजनीतिक चिन्तन और जैनदर्शन एक समीक्षात्मक अध्ययन महामानव महावीर का जीवन प्रदेय महावीर और उनकी देशना महावीर और उनके सिद्धान्त महावीर और क्षमा महावीर और बुद्ध महावीर का अखण्ड व्यक्तित्त्व महावीर का जीवन दर्शन महावीर का जीवन दर्शन महावीर का दर्शन, सामाजिक परिपेक्ष्य में महावीर का मंगल उपदेश महावीर का वीरत्व महावीर का संदेश महावीर का साम्यवाद महावीर की जय ३७ २१-२४ ३-८ ३०-३४ १२-१६ ११-१६ ३-१४ mm 9 9 39 ww ur use tra १९९६ १९९६ १९८५ १९७४ १९७३ १९५३ १९८६ १९८१ १९८४ १९८६ १९८१ १९६२ ।। १९६८ १९५५ १९५४ १९५४ डॉ० सागरमल जैन ७-९ २-९ ३५ ६ ३७६ ३२६ १३ ७-८ ___ १९ ९ ६ ६-७ डॉ० हरिशंकर वर्मा डॉ० भानीराम वर्मा श्री रघुवीरशरण दिवाकर श्री सुन्दरलाल जैन डॉ० इन्द्र ४९-५० २२-२७ २४-३४ २८-३१ ३१-३३ www.jainelibrary.org
SR No.001784
Book TitleShraman Atit ke Zarokhe me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1999
Total Pages506
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Articles
File Size17 MB
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