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________________ Jain Education International _____ अंक ई० सन् ४२ F U WWor २८ ४५७ पृष्ठ । २९-३३ ७५-८६ ११-१३ ३-९ ३-५ २५-२९ ४८-४९ ३-१३ २९ goma arms oro १९९१ १९८५ १९७७ १९७८ १९५४ १९८२ १९७१ १९८१ श्रमण : अतीत के झरोखे में लेख लेखक पारिवारिक जीवन सुखी कैसे हो? श्रीमती यमुनादेवी पाठक पाण्डवपुराण में राजनैतिक स्थिति सुश्री रीता विश्वनोई पाप का घट मुनि महेन्द्रकुमार पार्श्वनाथचरित में प्रतिपादित समाज श्री जयकुमार जैन पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान के मार्गदर्शक श्री गुलाबचन्द जैन पं० सुखलाल जी पितृहीन डॉ० इन्द्र पुरुषार्थ के प्रतीक पं० सुखलाल जी साहू श्रेयांसप्रसाद जैन पौराणिक साहित्य में राजनीति श्री धन्यकुमार राजेश प्रज्ञाचक्षु पं० सुखलाल जी : एक परिचय श्री गुलाबचन्द जैन प्रज्ञापुरुष पं० जगन्नाथ जी उपाध्याय की दृष्टि में - बुद्ध व्यक्ति नहीं प्रक्रिया डॉ० सागरमल जैन प्रतिक्रिया है दुःख युवाचार्य महाप्रज्ञ प्रज्ञापुरुष साध्वीरत्न श्री विचक्षण श्री जी प्रज्ञामूर्ति श्री रमेशमुनि शास्त्री प्रभावशाली व्यक्तित्व (मनोवैज्ञानिक लेख) श्री कोमल जैन प्राकृत हिन्दी कोश के महान् प्रणेता : पं० हरगोविन्ददास श्री अगरचन्द नाहटा प्रागैतिहासिक भारत में सामाजिक मूल्य एवं परम्पराएँ डॉ० जगदीशचन्द्र जैन प्राचीन जैन आगमों में राजस्व व्यवस्था डॉ० अनिलकुमार सिंह प्राचीन जैन ग्रंथों में कृषि डॉ० अच्छेलाल यादव ३२ For Private & Personal Use Only १६६-१६९ २-६ ३५ WOW WWor ३३ ८ २८५ ४३ १०-१२ १-३ २४ ४ १९९५ १९८२ १९८१ १९८१ १९५७ १९७७ १९९२ १९९६ १९७३ १२-१४ १९-२२ १३-१९ ११-१९ २४-२७ www.jainelibrary.org
SR No.001784
Book TitleShraman Atit ke Zarokhe me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1999
Total Pages506
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Articles
File Size17 MB
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