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________________ ३ Jain Education International वर्ष For Private & Personal Use Only श्रमण : अतीत के झरोखे में लेख लेखक महावीर के उपदेश प्रो० महेन्द्र कुमार 'न्यायाचार्य' गांधी सिद्धान्त प्रो० रामचन्द्र महेन्द्र यह नई परम्परा करवट ले रही है आचार्य सर्वे दान की आत्मकथा श्री भग्न हृदय नई समाज व्यवस्था कुमार प्रियदर्शी मूल में भूल श्री ताजमल बोथरा जैन धर्म सिद्धराज ढड्डा जैनसाधु की भिक्षा विधि सतीश कुमार चौथी आगम वाचना का सवाल श्री कस्तूरमल बांठिया श्रमणसंस्कृति का भावी विकास पं० कृष्णचन्द्राचार्य भगवान् महावीर सामाजिक और आर्थिक क्रांति के जनक मुनि श्री नेमिचन्द्र जी है महावीर स्तुति श्री अगरचन्द नाहटा विपाकसूत्र की कहानियाँ श्री श्रीरंजन सूरिदेव अपरिग्रह के तीन उपदेष्टा डॉ० गुलाबचन्द्र चौधरी छद्मस्थानां च मतिभ्रमः श्री कस्तूरमल बांठिया गणधरवाद डॉ० मोहनलाल मेहता चाचा नेहरू या नेहरू मामा श्री उमानीराम शर्मा अन्न का संकट श्री सतीश कुमार or or or or or or or or or or22222222 अंक ई० सन् ११-१२ १९५८ ११-१२ १९५८ ११-१२ १९५८ ११-१२ १९५८ ११-१२ १९५८ ११-१२ १९५८ ११-१२ १९५८ ११-१२ १९५८ ११-१२ १९५८ ११-१२ १९५८ १९५८ १९५८ १९५८ १९५८ १ १९५८ २ १९५८ २ १९५८ २ १९५८ पृष्ठ २५-२७ २८-२९ ३०-३२ ३३-३६ ४२-५६ ५७-५९ ६०-६३ ६४-६५ ६८-७० ७३-७४ ९-१२ १३-१५ १८-२० २२-२५ २६-३० ३-६ ८-१० १२-१४ www.jainelibrary.org
SR No.001784
Book TitleShraman Atit ke Zarokhe me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1999
Total Pages506
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Articles
File Size17 MB
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