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________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org ४०० लेख जैन विद्वानों के कुछ हिन्दी वैद्यक ग्रन्थ जैन व्याकरणशास्त्रों में शोध की संभावनाएँ जैन व्याख्या और विचार जैन व्याख्या पद्धति जैन शास्त्रों में वर्णित १८ श्रेणियों का उल्लेख जैन साहित्य और अनुसंधान की दिशा जैन साहित्य और सांस्कृतिक संवेदना जैन साहित्य का इतिहास और इसकी प्रगति जैन साहित्य का नवीन अनुशीलन जैन साहित्य का नवीन संस्करण जैन साहित्य का सिंहावलोकन जैन कथा साहित्य का सार्वजनीन महत्त्व जैन साहित्य का विहंगावलोकन जैन साहित्य का बृहद इतिहास, भाग ५ के कतिपय संशोधन जैन साहित्य की प्रतिष्ठा जैन साहित्य के विषय में अजैन विद्वानों की दृष्टियाँ श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक आचार्य राजकुमार जैन श्री रामकृष्ण पुरोहित डॉ० बशिष्ठनारायण सिन्हा पं० सुखलाल जी श्री ज्ञानचन्द श्री गोकुलचंद श्री गुरुचरणसिंह मोंगिया पं० दलसुख मालवणिया डॉ. वासुदेवशरण अग्रवाल वाल्टर शूबिंग पं० दलसुख मालवणिया मुनि जिनविजय जी डॉ० इन्द्र श्री अगरचंद नाहटा श्री गोकुलचंद्र जैन डॉ० इन्द्र 7 2 2 x 2 a 2 वर्ष २७ ३० ११ ४ २७ ११ २७ ६ ४ ४ ov av 5 २१ ११ अंक ov x ११ ४ १२ 62 d ७-८ २ v ९ २ ७-८ ७-८ 5 ত २ wor ई० सन् १९७६ १९७९ १९६० १९५३ ७१-७३ १९७५ १८-२१ १९५९ ३३-३५ १९७६ ११-२१ १९५४ ३०-३९ १९५३ ११-१२ १९५३ १३-१४ १९५८ ३०-४० १९५४ २९-३८ १९५३ ८-१४ १९७० १९६० १९५३ पृष्ठ १५-२४ १३-२२ २१-२४ २०-२३ ३२-३४ २५-२८
SR No.001784
Book TitleShraman Atit ke Zarokhe me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1999
Total Pages506
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Articles
File Size17 MB
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