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________________ Jain Education International वर्ष पृष्ठ ३ अंक ६ १-२ १९ श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक डॉ० वासुदेवशरण अग्रवाल पं० बेचरदास दोशी श्री चिमनलाल चकुभाई शाह श्री वृजनन्दन मिश्र श्री ज्ञानमुनि जी महाराज डॉ० बी० सी० जैन डॉ० श्रीरंजन सूरिदेव उपाध्याय श्री अमरमुनि श्री अर्हद्दास दिगे डॉ० सागरमल जैन ई० सन् १९५२ ।। १९६७ १९८४ १९६१ १९५६ १९८१ १९७३ १२ ३७८ लेख तप के प्रतीक महावीर तप क्या है ? तपश्चर्या-उपवास तपोधन महावीर तृष्णा और उसका अंत तीर्थंकर त्रिरत्न : मोक्ष के सोपान दयामूर्ति : धर्मरुचि अनगार दशधर्म योग साधना है दशलक्षण/दशलक्षण धर्म के दान, शील, तप, भाव के रचयिता और दानकुलक का पाठ दिगम्बर परम्परा में श्रावक के गुण और भेद दिवाभोजन ही क्यों? धर्म और अधर्म धर्म और धार्मिक धर्म और पुरुषार्थ धर्म और सहिष्णुता ३२७ २४ ३ ३२ For Private & Personal Use Only १४-१९ २०-२२ ५६-५७ १९-२० ८-१० २२-२६ ५-७ ३१-३६ १३-२८ rorism ym 9422322 १९८१ १९६८ १९८३ १९७३ १९६५ श्री अगरचंद नाहटा श्री कस्तूरमल बांठिया डॉ० महेशदान सिंह चौहान डॉ० मोहनलाल मेहता डॉ० आदित्य प्रचण्डिया पं० सुखलाल जी डॉ० ज्योतिप्रसाद जैन ६ १० २०५ ३४ १० १८-२४ ५६-६६ ३३-३४ ५-७ २०-२१ १४-१७ ३३-३४ १९५५ १९६९ १९८३ १९६० १९६४ www.jainelibrary.org
SR No.001784
Book TitleShraman Atit ke Zarokhe me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1999
Total Pages506
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Articles
File Size17 MB
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