SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 39
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org ३० लेख आगम मर्यादा और संतों के वर्षावास जीवितधर्म किसके साथ क्या न खायें कषाय विजय का महापर्व आज आत्म चिन्तन का दिन है। पर्युषण और हमारा कर्तव्य क्षमापना का आदर्श, विकास के नये पहाड़े सीखिए समाजोन्नति सोपान के ग्यारह डंडे आचारांग सूत्र (क्रमश:) आचार्य : एक मधुर शास्ता, जैनधर्म विषयक भ्रांतियां आचार्य प्रवर : आत्माराम जी महाराज आचारांग सूत्र (क्रमश:) धर्म : कल्याण का मार्ग भावनाओं का जीवन पर प्रभाव लंदन में हूँ । मंगल प्रवचन श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक मुनि श्री आईदान जी डॉ० राधाकृष्ण पं० सुन्दरलाल जैन वैद्य पं० मुनि श्री कन्हैयालालजी म० श्री सतीश कुमार श्री अगरचन्द नाहटा पं० श्री विजय मुनि, शास्त्री मुनि श्री नेमिचन्द्र जी महात्मा भगवानदीन पं० दलसुख मालवाणिया उपाध्याय अमरमुनि पं० बेचरदास जी दोशी पं० श्री ज्ञानमुनि जी म० पं० श्री दलसुख मालवणिया पं० मुनि श्री रामकृष्ण जी म० प्रो० धर्मेन्द्र कुमार कांकरिया श्री महेन्द्र राजा डॉ० राजेन्द्र प्रसाद वर्ष ८ ८ ८ ८ ८ ८ ८ ८ ८ ८ ८ ८ ८ ९ ९ अक १० १० १० ११ ११ ११ ११ ११ ११ १२ १२ १२ १२ ई० सन् १९५७ १९५७ १९५७ १९५७ १९५७ १९५७ १९५७ १९५७ १९५७ १९५७ १९५७ १९५७ १९५७ १९५७ १९५७ १९५७ १९५७ १९५७ पृष्ठ २६-३३ ३४ ३५-३६ ३-५ ६-८ ९-१४ १५-१६ २०-२३ ३५-४० ४-७ १२-१६ १९-२७ ३२-३४ ७-९ १६-१९ २५-२६ ३१-३८ ३-९
SR No.001784
Book TitleShraman Atit ke Zarokhe me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1999
Total Pages506
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Articles
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy