SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 338
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्रमण : अतीत के झरोखे में Jain Education International लेख ३२७ पृष्ठ २-५ २-७ २-४ ३१-३४ २०३-२३३ १४१-१४६ ४-६ ४-६ १० For Private & Personal Use Only ई० सन् १९८१ १९८१ १९८३ १९६१ १९९४ १९९७ १९८२ १९९४ १९९० १९९७ १९९५ १९७९ १९९५ १९८१ १९९४ १९९४ १९८४ नई पीढ़ी और धर्म नियुक्ति साहित्य : एक पुनर्चिन्तन । पं० महेन्द्रकुमार 'न्यायाचार्य द्वारा सम्पादित एवं अनूदित षड्दर्शन समुच्चय की समीक्षा पर्युषण पर्व क्या, कब और कैसे ? पर्यावरण की प्रदूषण की समस्या और जैनधर्म पार्श्वनाथ जन्मभूमि मंदिर, वाराणसी की पुरातत्त्वीय वैभव प्रमाण-लक्षण निरूपण में प्रमाण-मीमांसा का अवदान प्रज्ञापुरुष पं० जगन्नाथ जी उपाध्याय की दृष्टि में बुद्ध व्यक्ति नहीं प्रक्रिया प्रवर्तक एवं निवर्तक धर्मों का मनोवैज्ञानिक विकास एवं उनके दार्शनिक एवं सांस्कृतिक प्रदेय प्राचीन जैन आगमों में चार्वाक दर्शन का प्रस्तुतीकरण बालकों के संस्कार निर्माण में अभिभावक, शिक्षक एवं समाज की भूमिका भगवान् महावीर का जीवन और दर्शन भगवान् महावीर की निर्वाण तिथि पर पुनर्विचार भाग्य बनाम पुरुषार्थ ४-६ ४-६ ४-६ १३५-१४३ ७७-८८ १३३-१४० १६६-१६९ १४-२० ४६-५८ २६-३८ १४-१७ २५४-२६८ ३ . www.jainelibrary.org २-६
SR No.001784
Book TitleShraman Atit ke Zarokhe me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1999
Total Pages506
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Articles
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy