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________________ Jain Education International अंक 3 3 3 33 पृष्ठ २४-२६ २७-२९ ३०.३२ ३३-३६ ३-४ ५-१७ २०-२२ ६-७ ६६-७ ६-७ श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक सुश्री पुष्पा धारीवाल श्री विजयराज सुश्री निर्मला प्रीतिप्रेम श्री कस्तूरमल बांठिया डॉ० वासुदेवशरण अग्रवाल पं० रत्न श्री ज्ञानमुनिजी पं० दुलसुख मालवणिया श्री सूरजचंद 'सत्यप्रेमी' श्री रघुवीरशरण दिवाकर श्री धर्मचन्द्र ‘मुखर' डॉ० गुलाबचन्द्र चौधरी श्री महावीर प्रसाद प्रेमी श्री मदनलाल जैन मुनि सुरेशचन्द्र शास्त्री प्रो० देवेन्द्र कुमार जैन श्री अगरचन्द नाहटा दादा धर्माधिकारी प्रो० वेंकटाचलम लेख मानव सामुद्रिक विज्ञान (क्रमश:) बर्मा में होली का त्यौहार प्रत्यालोचना-महावीर का अन्तस्तल अहिंसा की युगवाणी भगवान् महावीर और उनका शान्ति संदेश भगवान् महावीर का मार्ग वर्धमान और हनुमान महावीर का संदेश भगवान् महावीर-जीवन और सिद्धान्त भगवान् महावीर का व्यक्तित्त्व सन्मति महावीर और सर्वोदय अहिंसा महावीर के ये उत्तराधिकारी ! भगवान महावीर की जीवन साधना राजस्थानी जैन साहित्य स्त्री का स्वभाव विश्व कलेण्डर क्यों नहीं अपनाया जाय ? २३ For Private & Personal Use Only ६-७ ६-७ Www w ww www ur ur ww ww w us or ई० सन् १९५५ १९५५ १९६५ १९५५ १९५५ १९५५ १९५५ १९५५ १९५५ १९५५ १९५५ १९५५ १९५५ १९५५ १९५५ १९५५ १९५५ ६-७ ६-७ ६-७ ६-७ ६-७ २४-३४ ३६-४० ४१-४६ ५१-५३ ५५-५६ ५७-६० ६२-६४ ४-९ ११-१३ १४-१८ ६. ८ www.jainelibrary.org १९५५
SR No.001784
Book TitleShraman Atit ke Zarokhe me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1999
Total Pages506
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Articles
File Size17 MB
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