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________________ १४६ Jain Education International अंक १-३ ई० सन् १९९० पृष्ठ १०५-११२ ४१ ४१ ४-६ ४१ १ ४-६ ४-६ श्रमण : अतीत के झरोखे में लेख लेखक जैनधर्म में मानव डॉ० रज्जन कुमार एवं डॉ० सुनीता कुमारी जैनधर्म में तीर्थ की अवधारणा प्रो० सागरमल जैन जैन संस्कृति और श्रमण परम्परा प्रो० शान्ताराम भालचन्द्र देव मानव व्यक्तित्व का वर्गीकरण डॉ० त्रिवेणी प्रसाद सिंह सूत्रकृतांग में वर्णित दार्शनिक विचार डॉ० श्रीप्रकाश पाण्डेय पार्श्वनाथ जन्मभूमि मंदिर, वाराणसी का पुरातत्त्वीय वैभव प्रो० सागरमल जैन प्रबन्धकोश का ऐतिहासिक अध्ययन प्रवेश भारद्वाज जैन परम्परा का ऐतिहासिक विश्लेषण प्रो० सागरमल जैन सत् का स्वरूप : अनेकान्तवाद और व्यवहारवाद की दृष्टि में डॉ० राजेन्द्र कुमार सिंह भारतीय राजनीति में जैन संस्कृति का योगदान इन्द्रेशचन्द्र सिंह आचार्य हरिभद्र का योगदान श्री धनंजय मिश्र पश्चिमी भारत के जैन तीर्थ डॉ० शिव प्रसाद सिया and असिया Two Prakrit forms and Pischel on them Dinanath Sharma भट्ट अकलंककृत लघीयस्त्रय : एक दार्शनिक अध्ययन हेमन्त कुमार जैन जैनधर्म में नारी की भूमिका प्रो० सागरमल जैन १९९० १९९० १९९० १९९० १९९० १९९० १९९० १-२८ २९-४० ४१-५० ५१-७६ ७७-८८ ८९-१०० ४१ ४१ For Private & Personal Use Only ४-६ ४-६ ४१ ७-९ ७-९ ७-९ ४१ ov ovov १९९० १७-२५ १९९० २७-३४ १९९० ३५-४४ १९९० ४५-७८ १९९० ७९-८२ १९९०८३-९० १९९० १-४८ www.jainelibrary.org ७९ ७-९ १०-१२
SR No.001784
Book TitleShraman Atit ke Zarokhe me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1999
Total Pages506
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Articles
File Size17 MB
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