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________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org ११२ लेख शान्त रस : मान्यता और स्थान श्रमरस का स्रोत : श्रावक संप्रतिकालीन आहाड़ के मंदिर का जीर्णोद्धार- स्तवन टीका और टीकाकार मतिकीर्ति दशाश्रुतस्कन्ध की बृहद सामायिक : सौ सयाने एकमत आगम - साहित्य में क्षेत्र प्रमाण- प्रणाली मालपुरा की विख्यात जैन दादावाड़ी महाकवि जिनहर्ष और उनकी कविता तारंगा का अजितनाथ मंदिर जैन आलंकारिकों की रसविषयक मान्यताएँ अज्ञात प्राचीन जैनतीर्थ : कसरावद सिद्धियोग का महत्त्व समयसार - आचार-मीमांसा रामसनेही सम्प्रदाय के रेणशाखा के दो सरावगी आचार्य वर्ण और जातिवाद: जैनदृष्टि भगवान् महावीर की साधना एवं देशना जैन सिद्धान्त भौतिकवाद एवं समयसार की सप्तभंगी व्याख्या श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक जैन श्री जयकुमार श्री जमनालाल जैन श्री भंवरलाल नाहटा श्री अगरचंद नाहटा श्री कन्हैयालाल सरावगी श्री रमेशमुनि शास्त्री श्री भूरचन्द जैन श्री मोहन 'रत्नेश' डॉ० हरिहर सिंह डॉ० कमलेशकुमार जैन श्री लक्ष्मीचन्द जैन पं० के० भुजबली शास्त्री डॉ० दयानन्द भार्गव श्री अगरचन्द नाहटा श्री कन्हैयालाल सरावगी श्री भूरचन्द जैन डॉ० मोहनलाल मेहता डॉ० केवल कृष्ण मित्तल वर्ष २९ २९ २९ २९ २९ २९ २९ २९ २९ २९ २९ २९ २९ २९ २९ २९ २९ २९ अंक ४ ४ ४ ६ ७ ७ ७ ८ ८ ई० सन् १९७८ १९७८ १९७८ १९७८ १९७८ १९७८ १९७८ १९७८ १९७८ १९७८ १९७८ १९७८ १९७८ १९७८ १९७८ १९७८ १९७८ १९७८ पृष्ठ ८-१२ १३-२२ २३-३० ३-९ १०-१७ १८-२१ २२-२३ २४-२६ ३-१३ १४- २४ २५-२७ २८-२९ ३-११ १२-१६ १७-२० २१-२७ ३-१३ १४-२०
SR No.001784
Book TitleShraman Atit ke Zarokhe me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1999
Total Pages506
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Articles
File Size17 MB
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