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________________ Jain Education International अंक २८६ २८६ २८६ २८ ७ २८ For Private & Personal Use Only लेख प्राकृत साहित्य में श्रीदेवी की लोक-परम्परा प्राचीन जैन तीर्थ : करेड़ा पार्श्वनाथ सोलंकी-काल के जैन मन्दिरों में जैनतर चित्रण वादिराजसूरि : व्यक्तित्व एवं कृतित्व पार्वाभ्युदय में श्रृंगार रस उत्तर प्रदेश में मध्ययुगीन जैन शिल्पकला का विकास तीर्थंकरों की निश्चित संख्या क्यों ? हेमचन्द्राचार्य की साहित्य साधना भगवान् महावीर का अचेल धर्म क्या जैनधर्म रहस्यवादी है ? संस्कृत शब्द और प्राकृत-अपभ्रंश प्राचीन जैनतीर्थ श्री गांगाणी मेवाड़ में चित्रित कल्पसूत्र की एक विशिष्ट प्रति Jain Temple Sculptures of Gujarat आचार्य हेमचन्द्र : एक महान् काव्यकार सांख्य और जैन दर्शन राजस्थान में मध्ययुगीन जैन प्रतिमाएँ श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक श्री रमेश जैन श्री भूरचन्द जैन डॉ० हरिहर सिंह श्री उदयचन्द्र 'प्रभाकर' डॉ० रमेशचन्द्र जैन डॉ० शिव कुमार नामदेव श्री रतिलाल म० शाह डॉ०मोहनलाल मेहता पं० कैलाशचन्द्र शास्त्री डॉ० प्रद्युम्नकुमार जैन डॉ० देवेन्द्रकुमार जैन श्री भूरचन्द जी श्री अगरचन्द नाहटा Dr. Harihar Singh श्री अभयकुमार जैन डॉ० रमेशचन्द्र जैन डॉ० शिवकुमार नामदेव 싱 싱 싱 싱 엇 있 상 8 싱 싱 싱 상 있었성상 웍 ई० सन् १९७७ १९७७ १९७७ । १९७७ ।। १९७७ १९७७ १९७७ १९७७ १९७७ १९७७ १९७७ १९७७ १९७७ Bur ur ur 9 9 9 9 9 vvvvv vor or or १०९ पृष्ठ । २१-२५ २६-२९ ३०-३२ ३-८ ९-१५ १६-२० २१-२६ २६-३१ ३-१० ११-१७ १८-२० २१-२३ २४-२६ २७-३४ ३-१३ १९७७ २८ ८ २८८ २८ ९ २८ ९ २८ ९ www.jainelibrary.org १९७७ १९७७ १९७७ २०-२४
SR No.001784
Book TitleShraman Atit ke Zarokhe me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1999
Total Pages506
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Articles
File Size17 MB
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