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________________ Jain Education International अंक ११ २७ مر १०७ पृष्ठ ३३-३४ ३-४ ५-१२ १३-२० २१-२३ २४-२७ ई० सन् १९७६ १९७६ १९७६ १९७६ १९७६ १९७६ २८ १ २८ १ २८१ २८१ श्रमण : अतीत के झरोखे में लेख लेखक श्री जमनालाल जैन सेवा: स्वरूप और दर्शन श्री रमेश मुनि शास्त्री पुष्पदन्त की रामकथा की विशेषताएँ कु० प्रेमलता जैन शासन-प्रभावक आचार्य जिनप्रभसूरि श्री अगरचन्द नाहटा वर्धमान जैन आगम-मन्दिर श्री भूरचन्द जैन महोपाध्याय समयसुन्दर-रचित कथा-कोश श्री भंवरलाल नाहटा The Eight Dikpalas as Depicted in the Jaina temple at Kumbharia Shri Harihar Singh मानव-संस्कृति का विकास श्री कन्हैयालाल सरावगी जैन वास्तुकला : संक्षिप्त विवेचन डॉ० शिवकुमार नामदेव कीर्तिवर्द्धनकृत सदयवत्स-सावलिंगा चउपई डॉ० अशोककुमार मिश्र सन्देशरासक में उल्लिखित वनस्पतियों के नाम श्री श्रीरजंन सूरिदेव जैन साहित्य और शिल्प में वाग्देवी सरस्वती श्री मारुति नन्दन प्रसाद तिवारी गुणस्थान : मनोदशाओं का आध्यात्मिक विश्लेषण (क्रमश:) श्री अभय कुमार जैन . त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित में रसोद्भावना कु० मंजुला मेहता हरियाणा के सुकवि मालदेव की नवोपलब्ध रचनाएँ श्री अगरचन्द नाहटा पार्श्वभ्युदय में प्रकृति-चित्रण डॉ० रमेशचन्द्र जैन २८१ For Private & Personal Use Only ه २८ به به २८ २८ २ २८ २८ २८ ३ २८ २८३ २८ . ३ १९७६ १९७६ १९७६ १९७६ १९७६ ।। १९७६ १९७७ १९७७ १९७७ १९७७ २८-३१ ३-१५ १६-२१ २२-२६ २७-२९ ३०-३४ ३-१४ १५-२० २१-२४ २५-३० www.jainelibrary.org
SR No.001784
Book TitleShraman Atit ke Zarokhe me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1999
Total Pages506
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Articles
File Size17 MB
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