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________________ १०१ Jain Education International अंक ९ ई० सन् १९७५ पृष्ठ २१-२५ २६ ९ १९७५ १९७५ २६-२८ २९-३३ २६ १९७५ १९७५ श्रमण : अतीत के झरोखे में लेख लेखक कुवलयमाला की मुख्य कथा और अवान्तर कथाएँ डॉ० के० आर० चन्द्र श्रीमालपुराण में भ० महावीर और गणधर गौतम का विकृत वर्णन श्री अगरचन्द नाहटा मेड़ता-फलौदी पार्श्वनाथ तीर्थ श्री भूरचन्द जैन भरतेशवैभव में प्रतिपादित सामाजिक एवं आर्थिक व्यवस्था (क्रमश:) श्री सुपार्श्वकुमार जैन भगवान् महावीर का ईश्वरवाद डॉ० बशिष्ठ नारायण सिन्हा आचार्य हेमचन्द्रः जीवन, व्यक्तिव एवं कृतित्व श्री अभयकुमार जैन गीता के राजस्थानी अनुवादक जैनकवि थिरपाल श्री अगरचन्द नाहटा The Iconography of the Jaina yakshini Chakresvari Shri M.N. P. Tiwari भरतेशवैभव में प्रतिपादित सामाजिक एवं आर्थिक व्यवस्था श्री सुपार्श्वकुमार जैन जैन साधना-पद्धति में सम्यग्दर्शन (क्रमश:) श्री रमेशमुनि शास्त्री जैन रास की दुर्लभ हस्तलिखित प्रति: विक्रम लीलावती चौपाई डॉ० सुरेन्द्रकुमार आर्य कारीतलाई की जैन द्विमूर्तिका प्रतिमाएँ श्री शिवकुमार नामदेव जैनकवि जटमल कृत प्रेमविलासकथा श्री अशोककुमार मिश्र शिल्पकला एवं प्राकृतिक वैभव का प्रतीक : जैसलमेर का अमर सागर श्री भूरचन्द जैन २६ १९७५ For Private & Personal Use Only ३-८ ९-१२ १३-१८ १९-२३ २४-३३ १९७५ १९७५ २६ २६ २६ ११ ११ ११ १९७५ १९७५ १९७५ ।। १९७५ १९७५ ३-८ ९-१२ १३-१४ १५-१९ २०-२३ www.jainelibrary.org १९७५ २४-२७
SR No.001784
Book TitleShraman Atit ke Zarokhe me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1999
Total Pages506
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Articles
File Size17 MB
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