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________________ Jain Education International वर्ष २५ २५ अंक ७ ७ २५ २५ २५ ई० सन् १९७४ १९७४ १९७४ १९७४ १९७४ १९७४ १९७४ १९७४ श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक डॉ० रमेश चन्द्र जैन श्री देवेन्द्रमुनि शास्त्री श्री शिवकुमार नामदेव श्री एल० के० एल० श्रीवास्तव श्री अगरचन्द नाहटा डॉ० मोहनलाल मेहता डॉ० रमेशचन्द्र जैन श्री देवेन्द्रमुनि शास्त्री श्री शिवकुमार नामदेव कन्हैयालाल सरावगी डॉ० रमेशचन्द्र जैन डा० मनोहरलाल दलाल कु० सुधा जैन २५ For Private & Personal Use Only लेख पद्मचरित : एक महाकाव्य प्रमाणवाद : एक पर्यवेक्षण कलचुरि-नरेश और जैनधर्म जैनदर्शन में सर्वज्ञता का स्वरूप संडेरगच्छीय ईश्वरसूरि की प्राप्त एवं अप्राप्त रचनाएँ श्रमण धर्म द्विसन्धानमहाकाव्य में राज्य और राजा का स्वरूप प्रमाणवाद : एक पर्यवेक्षण धुबेला संग्रहालय की अद्वितीय जैन प्रतिमाएँ वर्तमान युग के संदर्भ में भगवान् महावीर के उपदेश पद्मचरित में वस्त्र और आभूषण पुराणों में ऋषभदेव जैन साहित्य और संस्कृति का जनजीवन Jain and Buddhist Tradition Regarding the origins of Ajatsattu's war with the Vajjis- A New Interpretation निश्चय और व्यवहार : पुण्य और पाप .9 9 9 9 9 vvvv v or roo पृष्ठ ३-६ ७-१८ १९-२२ २३-२८ २९-३२ १८-२३ ८-१२ १३-२२ २४-२७ २८-३४ ३-१० ११-१४ १५-१८ २५ २५ २५ २५ १९७४ १९७४ २५९ २५ ९ १९७४ १९७४ १९७४ www.jainelibrary.org Dr. J. P. Sharma पं० दलसुख मालवणिया २५ २५ ९ १० १९७४ १९७४ २७-३५ ३-१०
SR No.001784
Book TitleShraman Atit ke Zarokhe me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1999
Total Pages506
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Articles
File Size17 MB
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