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________________ जल सेना या इस प्रकार के पदों पर होता है। उनकी उंगलियां भी मोटी देखी जाती हैं। ये मस्तिष्क का प्रयोग कम ही करते हैं। साथ ही जिद्दी, क्रोधी, साहसी, लगन वाले आदि होते हैं। स्पष्टवक्ता होते हैं और गलत बात को भी सहन नहीं करते। हृदय रेखा का अन्त बृहस्पति पर हो तो ऐसे व्यक्ति महान, साहसी, सत्यवादी, आन पर मरने वाले व कई भाषाओं के ज्ञाता होते हैं। ऐसे व्यक्तियों के हाथ गुलाबी होते हैं। इनके मकान या सम्पत्ति पर झगड़ा पाया जाता है। मंगल अधिक उठा होने पर व्यक्ति के विवाह में रुकावट होती है। विवाह देर से होता है या सम्बन्ध होकर टूटता है। ऐसे व्यक्तियों को मूंगा पहनना चाहिए। मंगल उठा होने पर इसका विशेष फल 1 1/2, 4, 8, 12, 14, 28 व 48 वर्ष में देखा जाता है। ___ मंगल उत्तम होने पर व्यक्ति यदि भावुक भी हो तो आत्महत्या जैसी घटनाएं नहीं करता। मस्तिष्क रेखा में दोष होने पर व्यक्ति स्पष्टवक्ता, झगड़ालू , बेहद चिड़चिड़े व क्रोधी स्वभाव के होते हैं। मस्तिष्क रेखा सुन्दर होने पर साहसी, बर्दाश्त न करने वाले होते हैं। ऐसे व्यक्ति दबते नहीं। सत्य का अन्ततः पालन करते हैं। जुबान के पक्के होते हैं, सच्चे व स्वाभिमानी होते हैं। परन्तु मस्तिष्क रेखा अधिक सुन्दर होने पर ये बेहद चालाक देखे जाते हैं। इनका मकान ऊंची जगह पर होता है तथा यह कार्य भी समतल भूमि से ऊंचे पर ही करते हैं। मंगल पर क्रास होने पर बवासीर हो जाती है। यदि मस्तिष्क रेखा में शनि के नीचे दोष हो तो निश्चय ही ऐसा कहा जा सकता है। मस्तिष्क रेखा में अन्य दोष होने पर ये अपनी स्मृति को कमजोर समझते हैं। विशेष दोष होने पर बड़ी आयु में इनकी स्मृति कमजोर भी हो जाती है। ___मंगल पर काला या लाल दाग होने पर इनकी मृत्यु विष से होने की सम्भावना होती है। मंगल पर तारा होने पर क्रोध अधिक आता है और झगड़ों में मार-पीट व चोट लगती है। मस्तिष्क रेखा में दोष हो तो यह भी सम्भावना होती है कि इनके हाथ से किसी की हत्या हो जाये। मंगल पर अधिक रेखाएं होने पर पेट में गैस, स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ जाता है। फलस्वरूप धातु विकार होते हैं। सिर में दर्द रहता है। चन्द्रमा उन्नत हो तो ऐसा निश्चय ही होता है। सर्दी का असर नाक व गले में बना रहता है। मंगल पर चतुष्कोण होने पर जेल का डर भी होता है। कई बार जेल यात्रा भी करनी पड़ती है। मंगल पर त्रिकोण होने पर उच्चकोटि के गणितज्ञ होते हैं। इन्हें सेना या शोध कार्य में सम्मान मिलता है। शुक्र ग्रह - शुक विस्तार की दृष्टि से साथ सबसे बड़ा का है। यह अट का का शुक्र विस्तार की दृष्टि से हाथ में सबसे बड़ा ग्रह है। यह अंगूठे के नीचे, 81 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001758
Book TitleVruhad Hast Rekha Shastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajesh Anand
PublisherGold Books Delhi
Publication Year
Total Pages274
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Jyotish, L000, & L025
File Size16 MB
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