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________________ चन्द्रमा सम होने पर व्यक्ति सन्तुलित मस्तिष्क का होता है। कल्पना तो होती है, परन्तु उसमें मस्तिष्क का भी प्रयोग होता है। ऐसे व्यक्ति यदि विवेकशील हों तो वास्तव में ही प्रगति करते हैं। ईश्वर चिन्तन में इनकी विशेष रूचि देखी जाती है और इस सम्बन्ध में उपलब्धियां भी प्राप्त होती हैं। इस दशा में यदि धनुषाकार चन्द्र रेखा चन्द्रमा पर हो तो ऐसे व्यक्ति सिद्धियां प्राप्त कर लेते हैं। चन्द्रमा पर क्रास का निशान होने पर व्यक्ति को जल में डूबने का भय रहता है और साधारण झूठ बोलने की आदत होती है। ग्रह के बीचों-बीच क्रास हो तो व्यक्ति को गठिया रोग होता है, परन्तु यह क्रास बड़ा होना चाहिए। __ चन्द्रमा पर जाली जैसा चिन्ह होना व्यक्ति में यौन चिन्तन या स्नायु दुर्बलता पैदा करता है। ऐसे व्यक्ति जीवन साथी के बिना नहीं रह सकते। अत्यधिक भावुक होने पर ये पुंसत्वहीन हो जाते हैं। चन्द्रमा पर अधिक रेखाएं, व्यक्ति के पेट में खराबी, वायु विकार, अधिक कामुकता, अधिक भावुकता, वीर्यदोष, स्वप्नदोष व प्रदररोग होता है। चन्द्रमा पर त्रिकोण ऐसे व्यक्ति के हाथों में पाया जाता है जो कि गुप्त विद्या या जादूगरी का जानकार हो। मन्त्र-तन्त्र के ज्ञाताओं के हाथ में भी ऐसे लक्षण पाये जाते हैं। त्रिकोण स्वतन्त्र व स्पष्ट होने पर व्यक्ति को जुआ, सट्टा या लाटरी आदि से अचानक धन प्राप्त होता है। जीवन रेखा से निकल कर कोई रेखा सीधी व स्पष्ट रूप से चन्द्रमा पर जाती हो तो उसे हम चन्द्र रेखा कहते हैं। मंगल ग्रह मगल ग्रह का स्थान हाथ में दो जगह होता है। एक तो अंगूठे के पास बृहस्पति के नीचे, दूसरा बुध की उंगली के पास बुध के नीचे। पहला स्थान यदि बड़ा हो तो अकारात्मक होता है और उसका महत्व अधिक हो जाता है। यदि व्यक्ति का जन्म 21 मार्च और 21 अप्रैल के बीच में हो और यदि 28 अप्रैल तक हो। कुछ हद तक होता है। वर्ष का यह भाग भचक में मंगल का भाव सकारात्मक कहलाता है। दूसरा स्थान नकारात्मक होता है और उसका महत्व अधिक होता है। यदि व्यक्ति का जन्म 21 अक्टूबर और 21 नवम्बर के बीच में हो और यदि जन्म 28 नवम्बर तक हो तो कुछ हद तक होता है वर्ष का यह भाग भचक में मंगल का भाव नकारात्मक कहलाता है। मंगल का सम्बन्ध व्यक्ति के साहस, क्रोध, धैर्य, निष्ठा, खेती, पेट विकार आदि से है। अत: मंगल उठा होने पर उपरोक्त गुण पाये जाते हैं। परन्तु पेट में विकार रहता है। जो व्यक्ति प्रायः राजसेवा में होते हैं, उनके हाथ में उठा हुआ मंगल होता है। ऐसे व्यक्ति अति निष्ठावान होते हैं। अतः राज्यसेवा में उनका स्थान सेना, पुलिस, 80 H.K.S-5 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001758
Book TitleVruhad Hast Rekha Shastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajesh Anand
PublisherGold Books Delhi
Publication Year
Total Pages274
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Jyotish, L000, & L025
File Size16 MB
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