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ग्रहों का संक्षिप्त विवरण
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हाथ में उंगलियों के नीचे उभरे हुए स्थान ग्रह कहलाते हैं। इस प्रकार तर्जनी उंगली के नीचे बृहस्पति, मध्यमा के नीचे शनि, अनामिका के नीचे सूर्य और कनिष्ठा उंगली के नीचे बुध का स्थान होता है। अंगूठे के नीचे वाला स्थान शुक्र का स्थान है और शुक्र के सामने हथेली के दूसरी ओर चन्द्रमा है। बृहस्पति के नीचे, बृहस्पति व शुक्र के बीच में मंगल और इनके सामने बुध और चन्द्रमा के बीच में भी मंगल का स्थान है। एक मंगल को हम बृहस्पति का मंगल और दूसरे को बुध का मंगल कहते हैं। इस प्रकार किसी ग्रह के साथ जो उंगली होती है, उस उंगली को भी हम उस ग्रह की उंगली कहते है। हाथ में रेखाएं न होने पर हम व्यक्ति के भाग्य का निर्णय ग्रहों के अनुसार करते हैं। इस प्रकार हाथ में सात मुख्य ग्रह होते हैं- सूर्य, चन्द्र, शनि, शुक्र, बुध, मंगल और बृहस्पति। ग्रहों के ये नाम यूनानी विद्वानों ने दिये थे और उनके अनुसार इनके क्षेत्र भी इनसे प्रभावित रहते हैं। विभिन्न ग्रहों से हम निम्नलिखित विषयों का ज्ञान करते हैं1. शुक्र- प्रेम, कामुकता और उत्तेजना। 2. मंगल- जीवन शक्ति, साहस, झगड़ना। 3. बुध- मानसिक भावनाऐं, व्यापार, विज्ञान। 4. चन्द्र- कल्पना, रोमांस, परिवर्तनशीलता। 5. सूर्य- प्रतिभा फलीभूत होना, सफलता। 6. बृहस्पति- महत्वाकांक्षा, अधिकार, प्रभुत्व।
माशांना 7. शनि- संकोच, उदासीनता, गम्भीरता।
ग्रहों के उत्तम होने पर उपरोक्त प्रकार के गुणों में भी उत्तमता पाई जाती है तथा ग्रहों के बैठे या गांठ तीखी न होने पर व्यक्ति में उपरोक्त गुणों में कमी देखी जाती है। गुणावगुण को प्रदर्शित करने वाली रेखाएं तथा
चित्र : 16 हाथ में ग्रह क्षेत्र ग्रहों का होने पर व्यक्ति में उन लक्षणों की विशेषता पायी जाती है। एक गुण को दूसरे गुण द्वारा काटने पर कमी व एक द्वारा समर्थन व दूसरे गुण द्वारा विरोध होने पर गुण सामान्य रूप से या साधारण परिमाण में व्यक्ति में होते हैं। साथ ही ग्रह सम्बन्धी उंगली का सरल या तिरछा होना ग्रह के समर्थन में गुण या दोष का द्योतक है, जैसे सूर्य की उंगली सीधी होने पर यदि सूर्य उत्तम है और साथ ही सूर्य रेखा भी है तो व्यक्ति के जीवन में विशेष प्रसिद्धि व प्रभुता
पंगत बारात्मक
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